रोमन पद्धति (यह चैप्टर अध्यापक पात्रता परीक्षा, नवोदय विद्यालया प्रवेश परीक्षा, सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा, बी. एड. आदि परीक्षाओं के लिए अति महत्वपूर्ण है। ) हम 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,........ आदि अंकों का प्रयोग करते हुए संख्याओं को लिखने के लिए जिस पद्धति का प्रयोग करते हैं उसे हिन्दू-अरेबिक पद्धति कहते है। रोमन पद्धति संख्या लिखने की एक पुरानी पद्धति है, जिसे आज भी कई जगह प्रयोग किया जाता है। रोमन पद्धति में संख्याओं 1,2,3,4,5,6,7,8,9 व 10 के लिए क्रमश: ये प्रतीक प्रयोग किए जाते है : I, II, III, IV, V, VI, VII, VIII, IX व X . इसके अलावा 50 =L, 100=C, 500=D & 1000= M का प्रयोग होता है। रोमन पद्धति के नियम : किसी प्रतीक की जितनी बार पुनरावृति होती है उसका मान उतनी ही बार जोड़ दिया जाता है। जैसे III = 3 तथा XX = 20 आदि। लेकिन किसी भी प्रतीक की तीन से अधिक बार पुनरावृति नहीं हो सकती। प्रतीक V, L और D की कभी पुनरावृति नहीं होती। छोटे मान वाला प्रतीक बड़े मान वाले प्रतीक के दाईं ओर (Right Side)लगाने पर बड़े प्रतीक के मान में छोटे प्रतीक का मान जोड़ दिया जाता है। जैसे : V