11th class Physics Chapter 2 मात्रक और मापन (Part 2)
लंबाई का मापन :
लंबाई के मापन के लिए दो प्रकार की विधियों का प्रयोग किया
जाता है।
1.
प्रत्यक्ष विधियाँ
2. परोक्ष विधियाँ
1. प्रत्यक्ष विधियाँ :
- i. 10-3 से 102 m तक कि
लम्बाइयाँ मापने के लिए मीटर पैमाने का उपयोग किया जाता है।
- ii. 10-4 m तक की
लम्बाइयाँ मापने के लिए वर्नियर कैलिपर्स का उपयोग किया जाता है।
- iii. 10-5 m तक कि
लम्बाइयाँ मापने के लिए स्क्रू-गेज (पेचमापी) और स्फेरोमीटर (गोलाईमापी) का प्रयोग
किया जाता है।
2. परोक्ष विधियाँ :
लंबी दूरियाँ मापने के लिए परोक्ष विधियाँ :
(1) लम्बन विधि :
लम्बन : यदि हम एक वस्तु को अलग-अलग
स्थितियों से देखा जाता है तो उस वस्तु की स्थिति या दिशा भी अलग-अलग दिखाई देती
है, यह प्रभाव लम्बन कहलाता है।
जैसे – यदि हम एक पैन को अपने सामने रखे तथा बारी-बारी अपनी बाई व दाई आँख बंद
करके इसे देखें, तो पैन की स्थिति
पृष्ठभूमि के सापेक्ष मेँ अलग अलग दिखाई देगी।
माना हमें किसी ग्रह S की दूरी
D हमें ज्ञात करनी है। A तथा B पृथ्वी पर दो बिन्दु है जहां से हम ग्रह S को एक ही
समय देखते हैं, तथा ग्रह की प्रेक्षण दिशाओं के बीच का कोण q माप लिया जाता है।
A और B के बीच की दूरी , AB
= b
लम्बन कोण या लंबनिक कोण, ÐASB = q
.
.
.
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