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Number System संख्या पद्धति

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Number System for SSC/ Bank PO/Clerical Exam प्राकृत संख्याएँ (Natural Numebrs): गिनती वाली संख्याएँ प्राकृत संख्याएँ कहलाती है। जैसे :N =  1,2,3,4,5,.......... पूर्ण संख्याएँ (Whole Numbers):  प्राकृत संख्याओं के समूह में यदि शून्य (0) और मिला दिया जाए तो हमे पूर्ण संख्याओं का समूह प्राप्त होता है। W = 0, 1,2,3,4,5,.......... पूर्णांक (Integers) : पूर्ण संख्याओं के समूह में यदि प्राकृत संख्याओं के  ऋणात्मक अंक और मिला दिये जाएँ तो हमें पूर्णांकों का समूह प्राप्त होता है।  Z=  ..... -4, -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, 4, ...... परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न : प्रथम 5 पूर्ण संख्याओं का योग क्या होगा ? Ans : 0+1+2+3+4 = 10 -4 से +4 तक के पूर्णांकों का गुणनफल क्या होगा? Ans: 0 परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers) : जो संख्याएँ p/q के रूप रूप में लिखी जा सके, जहाँ q ≠ 0 परिमेय संख्याएँ कहलाती है। जैसे : 3/5 , ⅜, 22/7 आदि । अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers) : जो संख्याएँ p/q के रूप रूप में न लिखी जा सके, जहाँ q ≠ 0 अपरिमेय संख्याएँ कहलाती है। जैसे :  √2

Analogy Test

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Analogy Test in Hindi सादृश्य या समानता परीक्षण  Analogy को हिन्दी भाषा में समरूपता, समानता या सादृश्य आदि नामों से जाना जाता है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे SSC, NTSE, Railway, Bank PO, Clerical  आदि  में लगभग समरूपता परीक्षण के प्रश्न अवश्य पूछे जाते हैं।  समरूपता परीक्षण में एक अंकों या शब्दों का जोड़ा दिया होता है, परीक्षार्थी को जोड़े में दिए गए अंकों या शब्दों के बीच संबंध को पहचानना होता है तथा उसी संबंध की समानता के आधार पर एक दिए गए अंक/शब्द/चित्र के लिए दिए गए विकल्पों में से एक अंक/शब्द का चुनाव करना होता है या अन्य किसी रूप से पूछे  गए प्रश्नों का उत्तर देना होता है। उदाहरण के लिए : (1)  अध्यापक का संबंध जिस प्रकार विद्यार्थी से है उसी प्रकार दर्जी का संबंध निम्न में से किस से है? सुई  कपड़ा दुकान  मशीन  Ans. : 2 , व्याख्या - जिस प्रकार अध्यापक विद्यार्थी को शिक्षित करके उसे सभ्य नागरिक बनाता है (नया रूप देता है ) उसी प्रकार दर्जी सिलाई करके कपड़े को नया रूप देता है।  उदाहरण (2): अध्यापक का संबंध जिस प्रकार विद्यालय से है उसी प्रकार दर्जी का संबंध

Coding Decoding for Banking SSC NTSE

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कूटभाषा परीक्षण या सांकेतिक भाषा परीक्षण कूटलेखन व कूटवाचन Coding-Decoding कूटलेखन ( Coding) : एक शब्द/वाक्य को किसी विशेष नियम के आधार पर अन्य रूप ( code) में लिखना कूटलेखन ( Coding) कहलाता है।  कूटलेखन आधारित प्रश्नों में सामान्यत: एक शब्द /वाक्य का विशेष नियम के आधार पर कोड दिया होता है तथा उसी नियम के आधार पर किसी अन्य शब्द/वाक्य का कोड बनाने के लिए दिया जाता है। परीक्षार्थी को यह नियम पहचानना होता है तथा पूछे गए शब्द/वाक्य का कोड ज्ञात करना होता है ।  उदाहरण: यदि किसी सांकेतिक भाषा में BUS को CVT लिखा जाता है तो CAR को उसी सांकेतिक भाषा में क्या लिखा जाएगा ? व्याख्या: B U S +1 ↓ +1 ↓ +1 ↓ C V T C A R +1 ↓ +1 ↓ +1 ↓ D B S यहाँ अँग्रेजी वर्णमाला के प्रत्येक अक्षर को एक स्थान आगे बढ़ा दिया गया है। इसलिए CAR का कोड DBS होगा।  कूटवाचन ( Decoding): कूटवाचन ( Decoding) कूटलेखन से उल्टी प्रक्रिया है। इसमें कोड को वापिस उसके शब्द/