11th class Physics मात्रक और मापन (भाग 4)


विमीय विश्लेषण :
विमीय सूत्रों का उपयोग करके भौतिकी में कई समस्याओं के समाधान को प्राप्त करने की विधि को विमीय विश्लेषण कहा जाता है
विमाओं की  समघातता सिद्धान्त: इस सिद्धान्त के अनुसार  केवल वहीं भौतिक राशियाँ जोड़ी या घटाई जा सकती है जिनकी विमाएँ समान हो। उदाहरण : लंबाई को लंबाई में जोड़ा या घटाया जा सकता है लेकिन लंबाई को समय में नहीं जोड़ा या घटाया जा सकता।
किसी गणितीय समीकरण में सभी पदों की विमाएँ समान होनी चाहिए ।
विमीय समीकरणों का उपयोग :
विमीय समीकरणों के निम्नलिखित उपयोग है-
1.     किसी समीकरण कि संशुद्धि /यर्थातता (accuracy)की जांच करना।
2.     विभिन्न भौतिक राशियों के बीच संबंध व्युत्पन्न करना ।
3.     किसी भौतिक राशि के परिमाण को एक मात्रक पद्धति से दूसरी मात्रक पद्धित में बदलना।
(1) किसी समीकरण कि संशुद्धि (accuracy)की जांच करना।
हम जानते हैं कि विमाओं की  समघातता सिद्धान्त के अनुसार  केवल वहीं भौतिक राशियाँ जोड़ी या घटाई जा सकती है जिनकी विमाएँ समान हो।
इस सिद्धान्त से एक निष्कर्ष यह भी निकलता है कि यदि किसी समीकरण के सभी पदों की विमाएँ समान नहीं है तो समीकरण गलत होगी। इस कथन को हम किसी समीकरण की संशुद्धि की जांच करने के लिए प्रयोग करेंगे।

उदाहरण : निम्नलिखित समीकरण की विमीय संगति या समांगता या संशुद्धि कि जांच कीजिए। 


Comments

Unknown said…
Part 4 ka notes nhi mil rha h sir pdf me
sudhir rathour said…
sir 9 se 12 tak ke page ka vedio nhi mil rha hai sir uska link mujhe send kar dijye please sir ji
sudhir rathour said…
sorry sir vedio nhi pdf notes sir thoda jaldi batayega please
Unknown said…
part 4 ka pdf nhi hai sir

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