Square and Square Root

वर्ग और वर्गमूल 

जब किसी संख्या x को  उसी संख्या से गुणा किया जाता है तो प्राप्त गुणनफल (अर्थात x × x )  का वर्ग कहलाता है। तथा x,  गुणनफल  का वर्गमूल कहलाता है। x के वर्ग को  x2 द्वारा तथा वर्गमूल को  √x द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
जैसे  4 का वर्ग = 42 = 4× 4 = 16 होता है तथा 16 का वर्गमूल  (√16) = 4 होता है।
इसी प्रकार -
संख्या
वर्ग
1
1
×
1
=
1
2
2
×
2
=
4
3
3
×
3
=
9
4
4
×
4
=
16
5
5
×
5
=
25
6
6
×
6
=
36
7
7
×
7
=
49
8
8
×
8
=
64
9
9
×
9
=
81
10
10
×
10
=
100

वर्गमूल : वर्गमूल वर्ग से प्रतिलोम संक्रिया है।
√1 =1, √4= 2, √9 =3, √16 = 4, √25=5, √36=6, √49=7, √64=8, √81=9, √100=10

11 से आगे कुछ महत्वपूर्ण  संख्याओं के वर्ग इस प्रकार है-
(सवालों को तेजी से हल करने के लिए इन संख्याओं का वर्ग याद करना अति आवश्यक है। )
संख्या
वर्ग संख्या  
11
11
×
11
=
121
12
12
×
12
=
144
13
13
×
13
=
169
14
14
×
14
=
196
15
15
×
15
=
225
16
16
×
16
=
256
17
17
×
17
=
289
18
18
×
18
=
324
19
19
×
19
=
361
20
20
×
20
=
400
21
21
×
21
=
441
22
22
×
22
=
484
23
23
×
23
=
529
24
24
×
24
=
576
25
25
×
25
=
625
26
26
×
26
=
676
27
27
×
27
=
729
28
28
×
28
=
784
29
29
×
29
=
841
30
30
×
30
=
900
35
35
×
35
=
1225
40
40
×
40
=
1600
45
45
×
45
=
2025
50
50
× 
50
=
2500

वर्ग व वर्गमूल के बारे मे महत्वपूर्ण बिन्दु: 

  • जो संख्या किसी संख्या का वर्ग होती है, वह पूर्ण वर्ग संख्या कहलाती है। जैसे : 1,4,9,16,25,36,49 आदि सभी पूर्ण वर्ग संख्या है। 
  • जिन संख्याओं का इकाई का अंक 2,3,7 या 8 हो वे कभी भी पूर्ण वर्ग संख्या नहीं हो सकती। 
  • दो लगातार प्राकृत संख्याओं n और (n+1) के वर्गों के बीच 2n प्राकृत संख्याएँ होती है। जैसे 92 तथा 102 के बीच 18 प्राकृत संख्याएँ होती है।
  • प्रथम n प्राकृत विषम संख्याओं का योग n2 के बराबर होता है। जैसे -
  • जिन संख्याओं के अंत में 5 होता है उनका वर्ग बिना गुना किए direct method से निकाला जा सकता है। जैसे- 
  • वैसे तो किसी संख्या का वर्ग ज्ञात करने के लिए दी गई संख्या को उसी संख्या से गुणा करनी होती है। जैसे - संख्या 103 का  वर्ग ज्ञात करने के लिए 103×103 ज्ञात किया जाता है। लेकिन आसानी के लिए हम बीजगणित के सूत्रो (a+b)2  =a2+ 2ab + b2  या (a-b)=a2- 2ab + b2  का प्रयोग करते है। 
  • अभाज्य गुणनखंड विधि द्वारा किसी संख्या का वर्गमूल ज्ञात करना: इस विधि मे दी गई संख्या के अभाज्य गुणनखंड बना लिए जाते है, उसके बाद एक जैसे दो-दो गुणांखंडों के जोड़े बना लिए जाते है। प्रत्येक जोड़े का एक अंक अंक लेकर गुना कर देते है, इस प्रकार हमें दी गई संख्या का वर्गमूल प्राप्त हो जाता है। उदाहरण - निम्न संख्याओं के वर्गमूल ज्ञात करे: 324, 256
  • उदाहरण: 2352 को किस संख्या से गुणा  करे कि यह एक पूर्ण वर्ग संख्या बन जाए। 
           3252 = 2×2×2×2×3×7×7 यहाँ अंक 3 का जोड़ा नहीं है इसलिए 2352 एक पूर्ण संख्या नहीं है अत: 3 से            गुणा करने पर यह संख्या पूर्ण वर्ग बन जाएगी । 
  • उदाहरण: 2352 को किस संख्या से भाग  करे कि यह एक पूर्ण वर्ग संख्या बन जाए। 
           3252 = 2×2×2×2×3×7×7 यहाँ अंक 3 का जोड़ा नहीं है इसलिए 2352 एक पूर्ण संख्या नहीं है अत: 3 से            भाग करने पर यह संख्या पूर्ण वर्ग बन जाएगी । 
  • उपर्युक दोनों उदाहरणों से स्पष्ट है कि यदि पूर्ण वर्ग बनाने के लिए "किस संख्या से गुणा " या "किस संख्या से भाग" पूछा जाए तो दी गई संख्या का अभाज्य गुणनखंड करते है उसके बाद जो संख्याएँ जोड़े मे नहीं होती उनकी गुणा कर देते है , यही गुणनफल हमारे प्रश्न का उत्तर होगा । 

  • यदि पूर्ण वर्ग बनाने के लिए "क्या जोड़ा जाए  " या "क्या घटाया जाए " पूछा जाए तो हमें भाग विधि द्वारा वर्गमूल ज्ञात करना होगा। 
  • भागविधि द्वारा वर्गमूल निम्नलिखित उदाहरणों द्वारा स्पष्ट है - 
  • उदाहरण : वह छोटी से छोटी संख्या ज्ञात कीजिए जिसे 5607 (i) में से घटाने पर एक पूर्ण वर्ग संख्या बन जाए (ii) में जोड़ने पर एक पूर्ण वर्ग संख्या बन जाए।
  • यदि कोई n अंकों कि पूर्ण वर्ग संख्या है तो उसके वर्गमूल में n/2 अंक होंगे यदि n सम है और (n+1)/2 अंक होंगे यदि n विषम है। 
  • पूर्ण वर्ग संख्याओं के अंत में शून्यों कि संख्या सम होती है। 
  • यदि a और b दो धनात्मक संख्याएँ है तो- 
  • उपर्युक्त नियमों का प्रयोग विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं मे प्रश्नों को जल्दी हल करने के लिए प्रयोग किया जाता है। 

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