रासयानिक अभिक्रियाएँ तथा समीकरण | विज्ञान कक्षा -10 हिन्दी माध्यम
रासायनिक अभिक्रियाएँ: रासायनिक अभिक्रियाएँ वे प्रक्रियाएँ हैं जिनमें नए
गुणधर्मों के साथ नए पदार्थ बनते हैं।
उदाहरण :
1.
दूध से
दही बनाना।
2.
भोजन
का पकना।
रासायनिक अभिक्रियाओं के अभिलक्षण :
रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रमुख अभिलक्षण निम्नलिखित है-
1.
गैस का
उत्सर्जन- जैसे जिंक तथा तनु
सल्फ्यूरिक अमल के बीच रासायनिक अभिक्रिया में हाइड्रोजन गैस निकलती है।
2.
तापमान
में परिवर्तन – जैसे चूने तथा पानी
के बीच अभिक्रिया से बूझा हुआ चूना बनता है तथा काफी मात्रा में ऊष्मा ऊर्जा
निर्मुक्त होती है।
3.
अवक्षेप
का बनना- लेड नाइट्रेट और
पोटैशियम आयोडाइड के बीच रासायनिक अभिक्रिया से लेड आयोडाइड के पीले अवक्षेप बनते
हैं।
4.
अवस्था
में परिवर्तन- कार्बन मोनोआक्साइड
गैस तथा हाइड्रोजन गैस की अभिक्रिया से मेथनोल (द्रव) बनना।
5.
रंग
में परिवर्तन – लोहे को जंग लगना।
रासायनिक समीकरण: किसी रासायनिक अभिक्रिया का प्रतीको और सूत्रों द्वारा
निरूपण रासायनिक समीकरण कहलाता है।
उदाहरण: मैग्निशियम रिबन को वायु में जलाने पर मैग्निशियम
आक्साइड का निर्माण होना इस रासायनिक अभिक्रिया को रासायनिक समीकरण के रूप में इस
प्रकार लिख सकते हैं-
मैग्निशियम + आक्सीजन à मैग्निशियम आक्साइड
या Mg + O2à MgO
अभिकारक और उत्पाद :
जो पदार्थ रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैं, अभिकारक कहलाते हैं। तथा
रासायनिक अभिक्रिया के परिणामस्वरूप उत्पन्न नए पदार्थ उत्पाद
कहलाते हैं।
उदाहरण : रासायनिक अभिक्रिया, मैग्निशियम + आक्सीजन à मैग्निशियम आक्साइड मेँ मैग्निशियम और आक्सीजन अभिकारक हैं
जबकि मैग्निशियम आक्साइड उत्पाद है।
संतुलित रासायनिक
समीकरण:
ऐसा
रसायनिक समीकरण जिसमें
अभिकारकों और उत्पादों में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या बराबर हो संतुलित रासायनिक समीकरण कहलाता है।
Zn + H2SO4 à ZnSO4
+ H2
जिंक सल्फ्यूरिक अमल जिंक सल्फेट हाइड्रोजन
असंतुलित
रासायनिक समीकरण:
ऐसा
रसायनिक समीकरण जिसमें
अभिकारकों और उत्पादों में एक या
अधिक तत्वों के
परमाणुओं की संख्या असमान हो असंतुलित रासायनिक
समीकरण कहलाता है।
उदाहरण
: Mg + O2
MgO
रासायनिक समीकरणों का संतुलन:
किसी रसायनिक समीकरण में अभिकारकों
और उत्पादों में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या
बराबर करने की प्रक्रिया को रासायनिक समीकरणों का
संतुलन कहते है।
Lecture 2
Lecture 2
समीकरण को संतुलित करने
की आवश्यकता :
द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार
किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है न ही विनाश।
अर्थात किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के उत्पाद तत्वों का कुल द्रव्यमान अभिकारक
तत्वों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है।
अतः रासायनिक अभिक्रिया के पहले एवं
उसके पश्चात प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान रहती है। इसलिए हमे कंकाली
समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है।
रासायनिक समीकरण को
लिखने के निर्देश :
1.
रासायनिक अभिक्रिया को
लिखने के लिए समीकरण में सर्वप्रथम अभिकारक लिख कर तीर का निशान लगाया जाता है, उसके बाद उत्पाद लिखा जाता है।
2.
अभिकारकों और उत्पादों
की संख्या एक से अधिक होने पर उनके बीच जोड़ का चिन्ह (+) लगाया जाता है। जैसे –
C + O2 à CO2
3.
रासायनिक समीकरण को
संतुलित करना आवश्यक है।
4.
रासायनिक समीकरणों को
संतुलित करते समय हम किसी भी तत्व या यौगिक का सूत्र परिवर्तित नहीं कर सकते।
5.
छोटे रासायनिक समीकरणों
को हल करने के लिए हम हिट एंड ट्रायल विधि का प्रयोग करते है।
6.
समीकरण को संतुलित करने
के बाद अभिकारकों तथा उत्पादों की भौतिक अवस्था को बताने के लिए उनके साथ कोष्ठक
में ठोस के लिए (s) द्रव के लिए (l) तथा गैस के लिए (g) लिख देते है। अभिकारक तथा उत्पाद जब जलीय विलयन के रूप में
होते है, तो उनके साथ कोष्ठक में (aq)
लिखते हैं।
CaO(s) + H2O
(l) à Ca(OH)2(aq)
7.
अभिक्रिया उत्क्रमणीय
होने अर्थात दोनों दिशाओं में होने पर तीर का निशान
इस
प्रकार लगाया जाता है।
8.
अभिक्रिया सम्पन्न
होने के लिए आवश्यक ताप, दाब तथा उत्प्रेरकों को तीर के निशान के
ऊपर लिखते हैं।
9.
ऊष्मक्षेपी के
लिए ‘+
ऊष्मा’ तथा ऊष्माशोषी के लिए ‘-ऊष्मा ’ दाईं ओर लिखा जाता है।
रासायनिक समीकरण की
विशेषताएँ:
1.
अभिकारक और उत्पाद के
बारे में सम्पूर्ण जानकारी जैसे अणुओं की संख्या द्रव्यमान आदि मिलती है।
2.
पदार्थों की भौतिक
अवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
3.
अभिक्रिया सम्पन्न
होने के लिए आवश्यक ताप, दाब, उत्प्रेरक आदि
की जानकारी मिलती है।
4.
रासायनिक अभिक्रिया
का ऊष्मक्षेपी, ऊष्माशोषी या उत्क्रमणीय होने का पता लगता
है।
प्रश्न: रासायनिक समीकरण
Fe + H2O
àFe3O4 + H2 को संतुलित
कीजिए।
उत्तर: 3Fe + 4H2O à Fe3O4 + 4H2
पाठ्य पुस्तक के
प्रश्नोत्तर:
प्रश्न: वायु में जलाने
से पहले मैग्निशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है?
उत्तर: मैग्निशियम रिबन पर आर्द्र
वायु के प्रभाव से मैग्निशियम आक्साइड की सफ़ेद रंग की परत जमा हो जाती है। यह परत
मैग्निशियम के जलने में बाधक होती है। मैग्निशियम रिबन से मैग्निशियम आक्साइड की
परत हटाने के लिए रेगमार्क से साफ किया जाता है।
प्रश्न 2 : निम्नलिखित
रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखिए-
i.
हाइड्रोजन + क्लोरीन à हाइड्रोजन क्लोराइड
ii.
बेरियम क्लोराइड + ऐलुमिनियम
सल्फेट à वेरियम सल्फेट + ऐलुमिनियम क्लोराइड
iii.
सोडियम + जल à सोडियम हाइड्रोक्साइड +
हाइड्रोजन
उत्तर:
i.
H2 + Cl2 à 2HCl
हाइड्रोजन कोलरीन हाइड्रोजन क्लोराइड
ii.
3BaCl2 + Al2(SO4)3
à BaSO4
+ 2AlCl3
बेरियम क्लोराइड ऐलुमिनियम
सल्फेट बेरियम सल्फेट ऐलुमिनियम क्लोराइड
iii.
2Na + 2H2O à 2NaOH + H2
सोडियम जल सोडियम हाइड्रोक्साइड हाइड्रोजन
प्रश्न 3: निम्नलिखित
अभिक्रियाओं के लिए उनकी अवस्था के संकेतों के साथ संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए:
i.
जल में बेरियम क्लोराइएड
तथा सोडियम सल्फेट से विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अघुलनशील
बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं।
ii.
सोडियम हाइड्रोक्साइड का
विलयन (जल में) हाड्रोक्लोरिक अमल के विलयन (जल में) से अभिक्रिया करके सोडियम
क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते है।
उत्तर: संतुलित रासायनिक समीकरण:
अभ्यास के प्रश्न :
प्रश्न 4 : संतुलित रासायनिक समीकरण
क्या है? रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों
आवश्यक है?
प्रश्न 5: निम्न कथनों
का रासायनिक समीकरण के रूप में अनुवाद कर उसे संतुलित करें-
a)
नाइट्रोजन, हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है।
b) हाड्रोजन सल्फफ़िड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइआक्साइड बनता
है।
c) ऐलुमिनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, ऐलुमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप देता है।
d)
पोटेशियम धातु, जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रोक्साइड एवं
हाइड्रोजन गैस प्रदान करता है।
उत्तर:
प्रश्न 6 : निम्न
रासयानिक समीकरणों को संतुलित कीजिए-
उत्तर: संतुलित रासायनिक समीकरण:
प्रश्न 7: निम्न
अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए-
a)
कैल्शियम हाइड्रोक्साइड
+ कार्बन डाइआक्साइड à कैल्शियम कार्बोनेट + जल
b)
जिंक + सिल्वर नाइट्रेट à जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
c)
ऐलुमिनियम + कापर
क्लोराइड à ऐलुमिनियम क्लोराइड + कापर
d)
बेरियम क्लोराइड +
पोटैशियम सल्फेट à बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड
उत्तर: संतुलित रासायनिक समीकरण:
a)
Ca(OH)2 + CO2 à CaCO3 +
H2O
b)
Zn + 2AgNO3 à Zn(NO3)2
+ 2Ag
c)
2Al +3CuCl2
à 2AlCl3
+ 3Cu
d)
BaCl2 + K2SO4
à BaSO4 +
2KCl
ऊष्माक्षेपी एवं
ऊष्माशोषी अभिक्रिया :
ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (Exothermic Reactions): जिन रासायनिक अभिक्रियाओं में उत्पाद के निर्माण के साथ ऊष्मा भी उत्पन्न
होती है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ कहलाती है।
उदाहरण :
1.
सभी दहन अभिक्रियाएँ
ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ हैं।
जैसे – CH4 + 2O2 à CO2 +
2H2O + ऊष्मा
2.
श्वसन भी ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है क्योंकि श्वसन के दौरान हमारे शरीर की कोशिकाओं
में ग्लूकोज, आक्सीजन से संयोग करके ऊर्जा उत्पन्न करता
है।
C6H12O6
+ 6O2
à CO2 + 2H2O + ऊर्जा
ग्लूकोज आक्सीजन कार्बंडाइआक्साइड जल
ऊष्माशोषी अभिक्रिया Endothermic Reactions: जिन रासायनिक अभिक्रियाओं में उत्पाद के निर्माण के साथ ऊष्मा भी अवशोषित
होती है, ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ कहलाती है।
उदाहरण :
CaCO3 +
ऊष्मा à CaO + CO2
N2 + O2 + ऊष्मा à 2NO
अभ्यास के प्रश्न :
रासायनिक अभिक्रियाओं के
प्रकार :
कुछ मुख्य रासायनिक अभिक्रियाओं के
प्रकार निम्नलिखित हैं-
1.
संयोजन अभिक्रिया (Combination Reaction)
2.
वियोजन या अपघटन
अभिक्रिया (Decomposition Reaction)
3.
विस्थापन अभिक्रिया (Displacement Reaction)
4.
द्विविस्थापन अभिक्रिया (Double displacement Reaction)
5.
उपचयन एवं अपचयन
अभिक्रिया (Oxidation and
Reduction Reaction)
1. संयोजन अभिक्रिया (Combination
Reaction): ऐसी अभिक्रियाएँ जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का
निर्माण करते हैं उसे संयोजन अभिक्रिया कहते हैं।
जैसे -
CaO(s) + H2O(l) à Ca(OH)2(aq) + ऊष्मा
चूना बुझा हुआ चूना
अन्य उदाहरण: (i) कोयले का दहन C + O2
à CO2
(ii) मैग्निशियम
रिबन का वायु में दहन Mg + O2 à MgO
प्रश्न : सफेदी करने के दो-तीन दिन
बाद दीवारों पर चमक आ जाती है। क्यों?
उत्तर : हम जानते हैं कि-
CaO(s) + H2O(l) à
Ca(OH)2(aq) + ऊष्मा
चूना बुझा हुआ चूना
इस अभिक्रिया में निर्मित बुझे हुए
चूने के विलयन का उपयोग दीवारों कि सफेदी करने के लिए किया जाता है। कैल्सियम
हाड्रोक्साइड वायु में उपस्थित कार्बन डाइआक्साइड के साथ धीमी गति से अभिक्रिया
करके दीवारों पर कैल्सियम कार्बोनेट की एक पतली परत बना देता है।
Ca(OH)2(aq) + CO2(g) à CaCO3(s) +
H2O(l)
कैल्सियम हाड्रोक्साइड कैल्सियम कार्बोनेट
अत: सफेदी करने के दो-तीन दिन बाद
कैल्सियम कार्बोनेट का निर्माण होता है और इससे दीवारों पर चमक आ जाती है।
2. वियोजन या अपघटन अभिक्रिया
: ऐसी अभिक्रिया जिसमें
एकल अभिकारक टूट कर छोटे-छोटे उत्पाद प्रदान करता है, वियोजन या अपघटन अभिक्रिया कहलाती है।
जैसे – 2FeSO4(s) à Fe2O3(s)
+ SO2(g) +SO3(g)
फेरस सल्फेट फेरिक आक्साइड
अपघटन अभिक्रिया में अभिकारकों को
तोड़ने के लिए ऊष्मा, प्रकाश
या विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अत: अपघटन अभिक्रिया निम्न प्रकार की होती
है-
उत्तर : 11
वियोजन अभिक्रिया संयोजन अभिक्रिया से बिलकुल
विपरीत होती है, क्योंकि संयोजन अभिक्रिया
में दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं जबकि वियोजन अभिक्रिया में एकल अभिकारक टूट कर
छोटे-छोटे उत्पाद प्रदान करता है।
संयोजन अभिक्रिया : C + O2
à CO2
वियोजन अभिक्रिया: 2H2O(l)
à 2H2(g)
+ O2(g)
उत्तर 12 :
NCERT पुस्तक पेज -11 के प्रश्न उत्तर:
उत्तर : 1. सफेदी के लिए उपयोग किए जाने वाले पदार्थ ‘X’ का नाम कैल्शियम आक्साइड है।
(i) इसका रासायनिक सूत्र CaO है।
(ii) कैल्शियम आक्साइड की जल के साठा अभिक्रिया :
CaO(s) + H2O(l) à Ca(OH)2(aq) + ऊष्मा
चूना बुझा
हुआ चूना
उत्तर 2: जल के विद्युत अपघटन की रासायनिक अभिक्रिया –
2H2O(l) à 2H2(g)
+ O2(g)
जल के विद्युत अपघटन में हाइड्रोजन तथा
आक्सीजन 2 : 1 में प्राप्त होती है। इसमें हाइड्रोजन गैस की मात्रा आक्सीजन की
मात्रा से दोगुनी होती है।
3. विस्थापन
अभिक्रिया :
ऐसी अभिक्रिया जिसमें एक अभिकारक के परमाणु
या परमाणु समूह का दूसरे अभिकारक के परमाणु या परमाणु समूह से विस्थापन हो जाता
है।
CuSO4 + Zn
à ZnSO4 +
Cu
कापर सल्फेट जिंक
जिंक सल्फेट कापर
इस अभिक्रिया में अधिक क्रियाशील
धातु कम क्रियाशील धातु को विस्थापित कर देती है ।
अभिक्रियाशीलता श्रेणी –
K
|
पोटेशियम
|
का
|
Na
|
सोडियम
|
ना
|
Ca
|
कैल्शियम
|
कार
|
Mg
|
मैग्निशियम
|
मांगे
|
Al
|
एल्यूमिनियम
|
अल्टो
|
Zn
|
जिंक
|
जैन
|
Fe
|
लोहा
|
फ़रारी
|
Pb
|
लेड
|
प्रभु
|
H
|
हाइड्रोजन
|
है
|
Cu
|
कॉपर
|
क्यू
|
Hg
|
पारा
|
हजूर
|
Ag
|
सिल्वर
|
आज
|
Au
|
गोल्ड
|
आओ
|
विस्थापन अभिक्रिया के कुछ अन्य
उदाहरण :
द्विविस्थापन
अभिक्रियाएँ :
वे अभिक्रियाएँ जिनमें अभिकारकों के
बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है उन्हें द्विविस्थापन अभिक्रियाएँ कहते हैं।
Na2SO4(aq) + BaCl2(aq)
BaSO4(s) + 2NaCl(aq)
सोडियम सल्फेट बेरियम क्लोराइड बेरियम सल्फेट सोडियम क्लोराइड
द्विविस्थापन अभिक्रियाओं के अन्य
उदाहरण:
नोट: जिस अभिक्रिया में जल में अविलेय लवण (अवक्षेप) प्राप्त
होता है, वह अभिक्रिया अवक्षेपण अभिक्रिया
कहलाती है। जैसे –
Na2SO4(aq) + BaCl2(aq) à BaSO4(s) +
2NaCl(aq)
यहाँ BaSO4(s)
एक श्वेत रंग का पदार्थ है जो जल में अविलेय है ।
अभ्यास के प्रश्न :
उत्तर 14:
2AgNO3(aq)
+ Cu(s) à Cu(NO3)2(aq) +
2Ag(s)
सिल्वर
नाइट्रेट कॉपर कॉपर नाइट्रेट सिल्वर
उपचयन
तथा अपचयन रासायनिक अभिक्रियाएँ:
उपचयन अभिक्रिया : जिस रासायनिक अभिक्रिया में आक्सीजन का
योग या हाइड्रोजन का ह्रास हो, आक्सीकरण या उपचयन अभिक्रिया कहलाती है।
उक्त अभिक्रिया में H2S का उपचयन हो
रह है।
अपचयन अभिक्रिया: जिस रासायनिक अभिक्रिया में आक्सीजन का
ह्रास या हाइड्रोजन का योग हो, अपचयन अभिक्रिया कहलाती है।
उक्त अभिक्रिया में Cl2 का अपचयन हो रहा है।
उपचयन-अपचयन अथवा
रेडाक्स अभिक्रियाएँ: जिन रासायनिक अभिक्रियाओं में एक अभिकारक
उपचयित तथा दूसरा अभिकारक अपचयित होता है, उपचयन-अपचयन अथवा रेडाक्स अभिक्रियाएँ कहलाती है।
उदाहरण :
रेडाक्स अभिक्रियाओं के अन्य उदाहरण :
ZnO + C à
Zn + CO
यहाँ कार्बन उपचयित होकर CO तथा ZnO अपचयित होकर
Zn बनाता है।
MnO2 + 4HCl à MnCl2 + 2H2O +Cl2
यहाँ HCl
उपचयित होकर Cl2 तथा MnO2 अपचयित होकर MnCl2 बनाता है।
उत्प्रेरक : वे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित कर
देते हैं परंतु स्वयं अपरिवर्तित रहते हैं, उत्प्रेरक कहलाते हैं तथा इस घटना को उत्प्रेरण कहते हैं।
(उदाहरण के लिए इसी पेज के नीचे pdf फ़ाइल है उसे डाउनलोड करें)
धातुओं का संक्षारण : वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें वायु की नमी तथा आक्सीजन के
प्रभाव से धातुओं का क्षय या ह्रास होता है, धातुओं का संक्षारण कहलाता है।
उदाहरण के लिए लोहे की बनी वस्तुएँ आरंभ में
चमकीली होती हैं,
लेकिन कुछ समय बाद वायु की नमी और आक्सीजन के प्रभाव से उन पर लाल-भूरे रंग की परत
चढ़नी शुरू हो जाती है, इस प्रकिया को जंग लगना कहते है। इसी
तरह से चांदी की सतह का काला होना, तांबे के सतह का हरा होना
आदि संक्षारण के उदाहरण है।
संक्षारण के नुकसान : संक्षारण के कार्न कार के ढांचे, पल, लोहे की रेलिंग, जहाज तथा धातु, विशेषकर लोहे से बनी बस्तुओं की
बहुत क्षति होती है। क्षतिग्रस्त लोहे को बदलने के लिए हर वर्ष बहुत अधिक पैसा
खर्च करना पड़ता है।
संक्षारण से बचाव :
1. संक्षारण से बचाव करने के लिए लोहे पर पेंट कर दिया जाता है, जिससे लोहा सीधा वायु की नमी और आक्सीजन के
संपर्क में नहीं आता और जंग लगने से बच जाता है।
2. अधिक अभिक्रियाशील धातु की सतह पर कम अभिक्रियाशील धातु की
परत चढ़ाई जाती है।
विकृतगंधिता : जब वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य सामग्री को अधिक समय तक रखा
जाता है तब उसका स्वाद और गंध में परिवर्तन आ जाता है क्योंकि वायु की आक्सीजन के
संपर्क में आकर तेल या वसा उपचयित हो जाते हैं जिससे उनका स्वाद और गंध बदल जाती
है, यह घटना विकृतगंधिता कहलाती है।
विकृतगंधिता को रोकने
के उपाय:
1. तैलीय और वसायुक्त खाद्य सामग्री में उपचयन रोकने के लिए प्रतिआक्सीकारक मिलाए जाते हैं।
2. खाद्य सामग्री को वायुरोधी बर्तनों में रखा जाता है, जिससे उपचयन की क्रिया धीमी हो जाती है।
3. चिप्स आदि की पैकीग करते समय थैली में आक्सीजन हटाकर उसमें
नाइट्रोजन जैसे कम सक्रिय गैस भर देते हैं ताकि चिप्स का उपचयन न हो सके ।
NCERT पुस्तक पेज -15 के प्रश्न उत्तर:
उत्तर 1:
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में
डुबोया जाता है तब लोहा अधिक अभिक्रियाशील होने के कारण कॉपर सल्फेट के विलयन में
से कॉपर को विस्थापित कर देता है और आयरन सफल्फेट विलयन बनाता है।
कॉपर सल्फेट का रंग नीला होता है जो आयरन
सल्फेट, जो कि हरे रंग का होता है, के बनने के साथ-साथ फीका होता
जाता है तथा विलयन का रंग बदलकर हरा हो जाता है।
उत्तर 2 : स्वयं प्रयास करें
उत्तर 3 :
(i) उपचयित पदार्थ : Na , अपचयित पदार्थ : O2
(ii) उपचयित पदार्थ : H2 , अपचयित पदार्थ : CuO
अभ्यास के प्रश्न :
उत्तर 17:
कॉपर एक भूरे रंग का तत्व है जो वायु की
उपस्थिति में गर्म करके पर काले रंग का हो जाता है, इसलिए ‘X ’ तत्व कॉपर है।
2Cu(s) + O2 (g)
à 2 CuO(s)
कॉपर (भूरा) आक्सीजन कॉपर आक्साइड (काला)
अभ्यास के प्रश्न:
1. उत्तर: (i) (a) एवं (b)
2. उत्तर : (d) विस्थापन अभिक्रिया
3. उत्तर: (a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।
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Comments
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Love you sir
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