Class 11 Physics Video Lecture and Notes Chapter 1 in Hindi Medium

भौतिक जगत (Physical World( 


विज्ञान (Science) : अँग्रेजी भाषा का शब्द साईंस (Science)  लैटिन भाषा के शब्द सिंटिया (scientia) से बना है जिसका अर्थ है जानना
हम विज्ञान को इस तरह परिभाषित कर सकते हैं – “हमारे चारों ओर के तथ्यों व घटनाओं का सुव्यवस्थित अध्ययन विज्ञान कहलाता है।”

भौतिकी (Physics): भौतिकी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के शब्द भौतिक से हुई है , जिसका अर्थ है – प्राकृतिक । इसी तरह Physics शब्द ग्रीक भाषा के शब्द ‘fusis’ से लिया गया है जिसका अर्थ है – प्रकृति ।
हम भौतिकी विज्ञान को इस तरह परिभाषित कर सकते हैं – “विज्ञान की वह शाखा जिसमें प्रकृति तथा प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन किया जाता है। ”

वैज्ञानिक विधि (Scientific Methods):
किसी प्राकृतिक घटना को यथासंभव विस्तृत तथा गहनता से समझने के लिए हमें निम्नलिखित मुख्य अंत:संबंध पदों को अपनाना होता है –

  1.       व्यस्थित प्रेक्षण (Systematic Observations)
  2.            गुणात्मक तथा मात्रात्मक विवेचना (Qualitative and quantitative Analysis)
  3.            परिकल्पना की रचना और गणितीय प्रतिरूपण (Construction of Hypothesis)
  4.       परिकल्पना का परीक्षण (Testing of hypothesis)
  5.       सिद्धांत की स्थापना (Establishment of theory)
उपर्युक्त सभी पदों का एक साथ प्रयोग वैज्ञानिक विधि कहलाता है।

भौतिकी विज्ञान की मुख्य शाखाएँ :
भौतिकी विज्ञान को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जाता है –

  1.       चिरसम्मत भौतिकी (Classical Physics)
  2.       आधुनिक भौतिकी (Modern Physics)
      1.     चिरसम्मत भौतिकी (Classical Physics): चिरसम्मत भौतिकी के अंतर्गत मुख्य रूप से स्थूल परिघटनाओं पर            विचार किया जाता है, इसमें यान्त्रिकी, वैद्युत गतिकी, प्रकाशिकी तथा ऊष्मागतिकी आदि विषय शामिल है।
    2.  आधुनिक भौतिकी (Modern Physics): आधुनिक भौतिकी के अंतर्गत मुख्य रूप से सूक्ष्म प्रभाव क्षेत्र की परिघटनाएँ जैसे  परमाणवीय, आण्विक तथा नाभिकीय परिघटनाओं का अध्ययन किया जाता है। इसमें आपेक्षिकता (Relativity), क्वान्टम यान्त्रिकी (Quantum mechanics), परमाणु भौतिकी (Atomic Physics), नाभिकीय भौतिकी (Nuclear Physics) आदि  विषय शामिल है।

भौतिकी विज्ञान का कार्य क्षेत्र :
भौतिकी का कार्यक्षेत्र वास्तव में विस्तृत है। इसमें लंबाई, द्रव्यमान, समय, ऊर्जा आदि भौतिक राशियों के परिमाणों के विशाल परिसर का अध्ययन किया जाता है। एक ओर इसके अंतर्गत इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन आदि से संबन्धित परिघटनाओं का अति सूक्षम पैमाने (10-14m या इससे भी कम ) पर अध्ययन किया जाता है तथा इसके विपरीत, दूसरी ओर इसके अंतर्गत सम्पूर्ण ब्रह्मांड के विस्तार 1026m कोटि का भी अध्ययन किया जाता है। द्रव्यमानों का परिसर उदाहरण के लिए 10-30kg से (इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान ) से 1055kg (विश्व का द्रव्यमान) है।  इसी तरह समय के पैमाने का परिसर 10-22s से 1018s तक है

भौतिकी विज्ञान में उत्तेजना :
भौतिक विज्ञान के मूल सिद्धान्तों की व्यापकता और लालित्य (elegance) वास्तव में उत्तेजित करने वाली है क्योंकि भौतिकी की कुछ मूल संकल्पनाओं तथा नियमों द्वारा भौतिक राशियों के विशाल परिसर को प्रतिपादित (cover) करने वाली घटनाओं की व्याख्या की जा सकती है। इसके अलावा प्रकृति के रहस्यों को समझना, नवीन प्रयोग करने की चुनौती, नियमों का सत्यापन करना, भौतिकी के नियमों का प्रयोग करके उपयोगी युक्तियों का निर्माण करना आदि भी उत्तेजनापूर्ण है।


भौतिकी विज्ञान का अन्य विज्ञानों से संबंध:
1)                  1) भौतिकी विज्ञान तथा रसायन विज्ञान में संबंध : परमाणु की संरचना, रेडियोएक्टिविटी , एक्स-किरणों का विवर्तन आदि भौतिकी की महत्वपूर्ण खोजों के आधार पर रसायन विज्ञान में तत्वों को आवर्त सारणी में परमाणु क्रमांक के आधार पर व्ययस्थित किया जा सका तथा रासायनिक आबंधो व जटिल रासायनिक संरचनाओं को समझा जा सका है।
2)    भौतिकी विज्ञान व जीव विज्ञान में संबंध: भौतिकी में विकसित प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शी जैविक नमूनों का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। इलेक्ट्रॉन सूक्षमदर्शी के प्रयोग से जैविक कोशिकाओं का अध्ययन संभव हुआ, x-किरणों का जीवविज्ञान में भरपूर प्रयोग होता है। रेडियो-समस्थानिकों का प्रयोग कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है।
 3)  भौतिकी विज्ञान का खगोलशास्त्र से संबंध: विशाल खगोलीय दूरदर्शी जिनका विकास भौतिकी में हुआ है, का प्रयोग ग्रहों तथा दूसरे आकाशीय पिण्डो के अवलोकन के लिए किया जाता है। रेडियो दूरदर्शी की मदद से खगोलज्ञ ब्रह्मांड में बहुत अधिक दूरी के पिण्डो का अवलोकन कर सकते है।
 4) भौतिकी विज्ञान का गणित से संबंध: गणित को भौतिकी विज्ञान की रीढ़ की हड्डी माना गया है। क्योंकि गणित के सूत्र व संप्रत्यय आधुनिक भौतिकी के सिद्धांतों के विकास में बहुत अधिक प्रयोग होते है। 

भौतिकी, प्रौद्योगिकी और समाज :









संसार के विभिन्न देशों के कुछ भौतिकविदों के प्रमुख योगदान :
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प्रकृति में मूल बल :
प्रकृति में चार मूल बल हैं –

  1.            गुरुत्वाकर्षण बल
  2.       विद्युत चुम्बकीय बल
  3.       प्रबल नाभिकीय बल
  4.            दुर्बल नाभिकीय बल
(1)   गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force):
 किन्हीं दो पिंडों के बीच उनके द्रव्यमानों के कारण लाग्ने वाला आकर्षण बल, गुरुत्वाकर्षण बल है। उदाहरण: पृथ्वी पर रखी प्रत्येक वस्तु पृथ्वी के कारण गुरुत्व बल का अनुभव करती है। चंद्रमा की पृथ्वी के चारों ओर गति, ग्रहों की सूर्य के चारों ओर गति गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होती है।
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम के अनुसार , किन्हीं दो पिंडों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमनुपाती होता है।
यदि m1 और m2  दो पिंडों का द्रव्यमान तथा r दोनों पिंडों के केन्द्रों के बीच के दूरी है तो –


गुरुत्वाकर्षण बल के गुण :
1.      ये सदैव आकर्षण बल होते हैं।
2.      ये प्रकृति में सबसे दुर्बल बल होते हैं।
3.      ये दूरी संबंधी व्युत्क्रम वर्ग नियम (Inverse Square Law) का पालन करते हैं।  
4.      ये बहुत लंबी दूरी पर भी कार्यरत हैं।
5.      ये केंद्रीय (central) बल होते हैं ।
6.      ये संरक्षी (conservative) बल होते हैं।
(2)   विद्युत चुम्बकीय बल (Electromagnetic Force):
आवेशित कणों के बीच लाग्ने वाला बल विद्युत चुम्बकीय बल कहलाता है।
कूलाम के नियम के अनुसार - सजातीय आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते है तथा विजातीय आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। जब दो स्थिर आवेश q1 और q2 के बीच की दूरी r हो तो उनके बीच का आकर्षण या प्रतिकर्षण बल F इस प्रकार होगा :
                                      

      
गतिशील आवेश चुम्बकीय प्रभाव पैदा करते हैं तथा चुम्बकीय क्षेत्र गतिशील आवेशों पर बल लगाते हैं। इसलिए , वैद्युत तथा चुम्बकीय प्रभाव अविच्छेद हैं- इसलिए इस बल को विद्युत-चुम्बकीय बल कहते है।
विद्युत-चुम्बकीय बल के गुण:
1.      ये बल आकर्षी तथा प्रतिकर्षी दोनों हो सकते है।
2.      ये दूरी संबंधी व्युत्क्रम वर्ग नियम (Inverse Square Law) का पालन करते हैं। 
3.      ये अधिक दूरी तक प्रभावी नहीं होते।
4.      दो प्रोटोनों के बीच  वैद्युत बल उनके बीच लगे गुरुत्वाकर्षण बल का 1036 गुना होता है।

(3)   प्रबल नाभिकीय बल :
 परमाणु के नाभिक में प्रोटोनों तथा न्यूट्रॉनों को आपस में बांधे रखने वाला बल प्रबल नाभिकीय बल है।
प्रबल नाभिकीय बल के गुण:
1.      यह बल सभी मूल बलों में प्रबलतम है।
2.      यह आवेश के प्रकार पर निर्भर नहीं करता तथा प्रोटोन-प्रोटोन के बीच, न्यूट्रोन-न्यूट्रोन के बीच, तथा प्रोटोन-न्यूट्रोन के बीच समान रूप से कार्य करता है।
3.      इसका परिसर बहुत कम, लगभग नाभिक की वीमाओं (10-15m) का होता है।
4.      यह बल नाभिक के स्थायित्व के लिए उत्तरदायी माना जाता है।
5.      इलेक्ट्रॉन इस बल का अनुभव नहीं करता ।

(4)   दुर्बल नाभिकीय बल :
            दुर्बल नाभिकीय बल केवल निश्चित नाभिकीय प्रक्रियाओं , जैसे किसी नाभिक के β-क्षय में प्रकट होते हैं।
दुर्बल नाभिकीय बल के गुण :
1.      यह कुछ मूल कणों विशेषकर इलेक्ट्रॉन एवं न्यूट्रिनों के बीच लगता है। (β-क्षय में नाभिक एक इलेक्ट्रॉन तथा एक अनावेशित कण (न्यूट्रिनों) उत्सर्जित करता है। )
2.      दुर्बल नाभिकीय बल गुरुत्वाकर्षण बल जितना दुर्बल नहीं होता, परंतु प्रबल नाभिकीय तथा विद्युत चुम्बकीय बलों से काफी दुर्बल होता है।
3.      दुर्बल नाभिकीय बल का परिसर अत्यंत छोटा, 10-16 m कोटि का है।

प्रकृति के मूल बलों की तुलना :


एकीकरण तथा  न्यूनीकरण :
एकीकरण : विविध भौतिक परिघटनाओं की व्याख्या कुछ संकल्पनाओं एवं नियमों के द्वारा करने का प्रयास एकीकरण कहलाता है।
उदाहरण के लिए पृथ्वी पर सेब का गिरना, पृथ्वी के पारित: चंद्रमा की परिक्रमा तथा ग्रहों की सूर्य के पारित: परिक्रमा आदि सभी परिघटनाओं की व्याख्या एक नियम न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम के आधार पर की जा सकती है।
न्यूनीकरण : किसी अपेक्षाकृत बड़े, अधिक जटिल निकाय (system) के गुणों को इसके अवयवी (component) सरल भागों की पारस्परिक क्रियाओं  तथा गुणों से व्युत्पन्न (Derive) करना, न्यूनीकरण कहलाता है।

प्रकृति के मूल बलों का एकीकरण :
भौतिकी विज्ञान की महत्वपूर्ण उन्नति प्राय: विभिन्न सिद्धांतों तथा प्रभाव क्षेत्रों के एकीकरण की ओर ले जाती है। प्रकृति के विभिन्न बलों और प्रभाव क्षेत्रों के एकीकरण में प्रगति को निम्न सारणी में दर्शाया गया है।


संरक्षित राशियां: ऐसी भौतिक राशियां जो किसी प्रक्रिया में अचर रहती है, संरक्षित राशियाँ कहलाती है।
संरक्षण नियम : प्रेक्षित परिघटनाओं (observed phenomena) की मात्रात्मक व्याख्या को समझने के लिए भौतिकी विज्ञान में निम्नलिखित संरक्षण नियम है-
1.      द्रव्यमान संरक्षण का नियम : किसी भौतिक या रासायनिक परिवर्तन में द्रव्यमान न तो पैदा होता न ही नष्ट होता है अर्थात द्रव्यमान हमेशा संरक्षित रहता है।
2.      ऊर्जा संरक्षण का नियम : ऊर्जा न तो पैदा की जा सकती न ही नष्ट की जा सकती, यह केवल एक रूप से दूसरे रूप में बदली जा सकती है।
3.      संवेग संरक्षण का नियम : यदि किसी पृथक निकाय पर बाहरी बल न लगे तो निकाय का कुल संवेग हमेशा संरक्षित रहता है।
4.      आवेश संरक्षण का नियम : किसी पृथक निकाय में आवेश हमेशा संरक्षित रहता है।
5.      ऊर्जा-द्रव्यमान संरक्षण नियम : किसी पृथक निकाय में कुल ऊर्जा तथा द्रवमान संरक्षित रहता है। आइन्स्टाइन के सिद्धान्त के अनुसार द्रव्यमान ऊर्जा में परिवर्तित हो सकता है तथा ऊर्जा द्रव्यमान में परिवर्तित हो सकती है।
द्रव्यमान m ऊर्जा E  के तुल्य होता है जिसे संबंध E = mc2 द्वारा व्यक्त करते हैं। यहाँ c निर्वात में प्रकाश की चाल है।
उदाहरण के लिए नाभिकीय प्रक्रियाओं में द्रव्यमान ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है। यह वही ऊर्जा है जो नाभिकीय शक्ति जनन तथ नाभिकीय विस्फोटों में मुक्त होती है।

NCERT Solution 11th Class Physics Chapter 1 

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर :
प्रश्न 1.1
उत्तर:     आइन्स्टाइन का तात्पर्य यह हो सकता है कि संसार की अत्यंत जटिल घटना को भौतिकी के नियमों   द्वारा       समझा जा सकता है।
प्रश्न 1.2
उत्तर :    पारंपरिक विश्वास के खिलाफ कोई भी राय अपसिद्धांत है जबकि धर्मसिद्धांत स्थापित मान्यता है। उदाहरण के लिए जब कापर्निक्स ने बताया कि पृथ्वी व अन्य ग्रह सूर्य के परित: परिक्रमा करते हैं तो समाज के लोगों तथा कई वैज्ञानिकों ने इसका विरोध किया था लेकिन अब बिभिन्न खोजों से यह बात सिद्ध हो चुकी है।
प्रश्न 1.3
उत्तर :    इस सूक्ति का अर्थ यह है कि जिस प्रकार राजनीति में सूझ-बूझ व मेहनत द्वारा संभव कार्यों को पूरा करना         सफलता या कला माना जाता है, ठीक उसी प्रकार विज्ञान में अध्ययन व खोज द्वारा विभिन्न समस्याओं का हल निकाला जाता है। 
प्रश्न 1.4
उत्तर :    लंबे समय तक गुलामी, अनपढ़ता, अंधविश्वास, बढ़ती जनसंख्या आदि महत्वपूर्ण कारक हैं जो भारत में          विज्ञान के विकास मे बाधक रहे हैं।
प्रश्न 1.5
उत्तर :    इलेक्ट्रोनों का अस्तित्व बहुत से प्रयोगों द्वारा सत्यापित किया जा चुका है। बहुत सी भौतिक परिघटनाओं की व्याख्या इलेक्ट्रॉन के अस्तित्व के आधार पर की जा चुकी है। लेकिन ऐसा कोई भी प्रयोग नहीं है जिससे भूत होने का प्रमाण मिल सके। इस तरह हम इस तर्क का खंडन करते हैं।
प्रश्न 1.6
उत्तर :    व्याख्या (ii) दिए गए तथ्य का वैज्ञानिक सपष्टीकरण है।
प्रश्न 1.7
उत्तर:     भाफ इंजन , वात्या भट्टी व कपास से बीज अलग करने की मशीन की खोज आदि उनकी महत्वपूर्ण     उपलब्धियां थी।
प्रश्न 1.8
उत्तर:     (1) सामान्य ताप पर अतिचालकों की खोज ।
            (2) सुपर कंप्यूटर का विकास।
            (3) रोबोट का निर्माण।
            (4) सूचना प्रोद्योगिकी में नई सूचना क्रान्ति।
            (5) बायो-टेक्नोलोजी में विकास।
प्रश्न 1.9
उत्तर:     माना कि पृथ्वी पर बनी एक उड़न तस्तरी (space ship) अंतरिक्ष में एक तारे जो कि यहाँ से 100 प्रकाश वर्ष दूर है , की ओर लगभग प्रकाश की गति से जा रही है। इस उड़न तस्तरी में लगे आधुनिक कैमरे बहुत अच्छी क्वालिटी की तस्वीरें व विडियो का सीधा प्रसारण हमारे पास कर रही है। इसका इंजन एक अतिचालक पदार्थ से बनी मोटर है जिसे चलने के लिए ऊर्जा की जरूरत नहीं है। इस तस्तरी के चारों ओर एक विशेष पदार्थ का आवरण है जो किसी तारे के पास पहुचने पर बहुत उच्च ताप पर भी नहीं पिघलता। रस्ते में इसका संपर्क किसी अन्य ग्रह के लोगों के साथ हो जाता है। इसमें लगे उपकरणों की मदद से हम उनके हाव-भाव व विचारों को समझ पा रहे है व उनके साथ सफलतापूर्वक बाते कर रहें है। और इसी तरह से हमारा संपर्क ब्रह्मांड के अन्य बहुत से ग्रहों से हो जाता  है पूरा विश्व अब पृथ्वी की तरह से छोटा नजर आ रहा है। लोग अब पिकनिक मनाने भी चंद्रमा या मंगल   पर जाने लगे हैं।
प्रश्न 1.10
उत्तर :    शैक्षिक दृष्टि से रोचक ऐसी खोज जो मानव समाज के लिए भयंकर है, में यदि हम लगे है तो हम इसके वे          लाभ भी खोज निकालने की कोशिश करेंगे जो मानव की भलाई के लिए प्रयोग हो सके। एक खोजकर्ता होने के नाते हम समाज को इसके फायदे और नुकसान दोनों के बारे में अवगत करवाएगें तथा हमारी  खोज को मानव के विकास के लिए प्रयोग करेंगे।  जैसे परमाणु ऊर्जा का प्रयोग परमाणु बंब बनाने व  बिजली पैदा करने दोनों में हो सकता है। इसलिए परमाणु ऊर्जा का प्रयोग मानव विकास व शांति के लिए  होना चाहिए।
प्रश्न 1.11
उत्तर: (i), (ii), (iv), (v), (viii), (ix), (x)- अच्छा , (iii) – लिंग निर्धारण को भी हम अच्छा मान सकते है यदि इसका दुरुपयोग न हो तो। (vi) व (vii)- दोनों ही विनाशकारी है इसलिए ये बुरे है।
प्रश्न 1.12
उत्तर:     हम जादू-मंत्र आदि की विज्ञान के प्रयोगों द्वारा पोल खोल कर लोगों को वास्तविकता से अवगत करवा कर अंधविश्वास के चंगुल से बाहर निकाल सकते है। क्योंकि अच्छी शिक्षा ही रूढ़िवादी दृष्टिकोण व  अंधविश्वास को जड़ से समाप्त कर सकती है, इसलिए शिक्षा वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
प्रश्न 1.13
उत्तर : इस कार्य के लिए हम कल्पना चावला, मदर टेरेसा आदि महिलाओं का उदाहरण दे सकते है।
प्रश्न 1.14
उत्तर :    हम इस विचार से पूरी तरह से तो सहमत तो नहीं है फिर भी मेरा मानना है की पी. ए. एम. डिरेक यह कहना चाहते हैं कि भौतिकी विज्ञान के सूत्र या समीकरण सरल व सुंदर होने चाहिए जो कि वास्तव मे एक अच्छा विचार है। F=ma, E=mc2 आदि भौतिकी में सुंदर समीकरण है।



11th Class Physics Notes in Hindi Medium By Suresh Lecturer



Comments

Unknown said…
Thanks sir 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद.......
Unknown said…
Sir aap se anurodh hai ki class 10 physics ke Prakash ke paravartan apvartan ke bhi Pdf download Kar digiye. Aap Ka bahuthi aabhari rahuaga.
Unknown said…
Sir pdf nahi mil paraha h aaka
Unknown said…
sir apse nivedan hai ki 11 class math ki video banayen and 11 class physics ke lia kaunsi book prepare karun
Unknown said…
sir plz class 11 ki chemistry ke vedio banaiye
Unknown said…
Sir aap physics chemistry biology maths class 11 & 12 ki chapter ka video kitne samay aap pura kar denge aur sir mai aapke bharose se study karu yaa mai koi coaching tution karte rahu thanx
Unknown said…
sir can you give me your personal whatsapp number because I discuss 12th physics some question
Sir physics k liye thnx but biology or chemistry ki bhi pdf k sth video bnaiye plz 😄😄😄
Unknown said…
Sir aap Chemistry ka Bhe video bnai. Please.
Unknown said…
Sir maths ke bhi video banao please
Google said…
Sir kya aap Bihar ke baare me padate ho
Unknown said…
Thanks sir chemistry ki video banaiye
Unknown said…
Sir, aap bhut achi since padate ho and next capatar in coming soon plz
Unknown said…
sir thanks for this notes
Unknown said…
Sir g bhut intrest aa gaya h ab to physics m itna easy hoyh hai aaj malum chala h thanku sir g 🤓🤓🤓🤓
Unknown said…
Good from AgrA up
Unknown said…
nice 2
chapter kha hai
Unknown said…
Nice video sir thank you
Student said…
Sir pdf load Nahi ho raha hai ....... thanks sir

Unknown said…
Thanks sir you are greater sir bahut aacha samajh me as raha hai
Unknown said…
Sir notes download khaa say kra sir
PDF link nhe mela rha hai please Sir help me send a PDF link
Unknown said…
Class 11 ch1 phy PDF notes download nahi ho Raha hai
Unknown said…
Sir isko dounlodo kaise Kare
Madhav kumar said…
Numerical sar link bhej digiye sar
Unknown said…
Sir ji kya baat hai..... Aapne to Physics ko samjhna bhut aasan kar diya... Thanks a lot ...
Unknown said…
Sir ji pdf solid kaise kare
Unknown said…
vikram hap chemistry search karlo class 11th and 12th ka sabhi chapter padaya gaya hai
Unknown said…
sir pdf learn kese kare

Anonymous said…
Sir pdf download nahi ho raha hai
Anonymous said…
Thanks for sharing the study material.And class 11 consists a big portion in jee syllabus.For all engineering and medical entrance examinations there is a coaching institute in Bhubneshwar Orrisa which is coming up in a big way .With faculty members for Patna , Kota, Hyderabad they have been having good results in both engineering and medical entrance examinations and they provide foundation courses as well.Visit http://www.acadejee.com.To see more about the institute check out the link https://youtu.be/-LMRr9rtSJI .
Unknown said…
Sir hi in pdf par kaise learning kare plz sir
Unknown said…
Hello sir good morning mujhe class 11th ka chemistry and physics ka video class karna hai sir please bataye
trick se padhe said…
Blogspot wala blog good hota hai
Unknown said…
Hello sir good morning mujhe 11th ka chemistry and physics padhna h
Anonymous said…
Thanks for notes
Anonymous said…
Thanks for notes
Directorweir said…
Very interesting I can understand physics so easily by this notes and videos
Unknown said…
Very interesting
Unknown said…
Sir pdf download nahi ho raha hai
Can you send it to me on my email id
Anonymous said…
Sir chemistry ch-2 ki video kab upload karoge
Anonymous said…
Thanks
Mi said…
Boltay na Fadu🥰🥰🥰🥰
Mi said…
Fadu 😘😘😘
Unknown said…
🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🤩🤩🤩🤩
Unknown said…
Thanx sir😍😍😍😍😍😍😘😘😘😘😘
Unknown said…
Too interesting sir now I can understand Physics very easily and very well.
Unknown said…
Nice Sir I understand that very easily
Unknown said…
sir pdf miljayepa
Unknown said…
Very nice step sir ji
Sir ji aap jo topic karvate ho vo sequence me karvaye or saare topic or aankik karvao please request corona chal raha hai
Unknown said…
Sir aap chemistry ke bhi note de dijiye
Unknown said…
Sir please 🙏 send me pdf of all chapter of physics class 11.
Rupesh Kumar said…
Very informative blog, Thanks for sharing with us. Ziyyara's Online Home Tuition for Class 12 Science Accountancy is the perfect solution for students seeking personalized attention and academic support in their accountancy studies.
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