Class 10 Science | Chapter 5 Periodic Properties of Elements

तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
तत्व- ऐसे पदार्थ जो एक ही प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बने हैं तत्व कहलाते हैं। जैसे लोहा, सोना, चांदी,  मैग्नीशियम आदि।
अभी तक हमें लगभग 118 तत्व ज्ञात हैं।

तत्वों का वर्गीकरण
सभी तत्वों को सुव्यवस्थित ढंग से पढ़ने के लिए उनके वर्गीकरण की आवश्यकता होती है। तत्वों का वर्गीकरण उनके गुणों में समानता के आधार पर किया जाता है।

डॉबेराइनर के त्रिक  (जर्मन रसायनज्ञ, वुल्फ़गांग डाबेराइनर, 1817)
जब तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु भार के अनुसार क्रमवार लगाया जाए तो तीन तत्वों के समूह प्राप्त होते हैं जिन्हें त्रिक कहा गया। त्रिक के मध्य तत्व का परमाणु भार अन्य दो तत्वों के परमाणु भार का माध्य होता है।
उदाहरण
तत्व
कैल्शियम Ca
स्ट्राशियम Sr
बेरियम Ba
परमाणु भार
40.1
87.6
137.3

तीन डॉबेराइनर त्रिक
डॉबेराइनर त्रिक की सीमाएँ सन् 1817 में ज्ञात 30 तत्त्वों में से डॉबेराइनर केवल तीन त्रिक बना सके । शेष 21 तत्त्वों को त्रिक के रूप में नहीं व्यवस्थित किया जा सका । उदाहरण तीन तत्त्व N, P, As के रासायनिक गुणधर्म समान हैं। ये तीनों एक त्रिक में होने चाहिए जबकि ये एक त्रिक के तत्त्व नहीं हैं।

न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धान्त
अंग्रेज रसायनज्ञ जॉन एलेक्जेंडर न्यूलैंड ने सन् 1865 में अष्टक नियम (Law of octaves) दिया। उन्होंने तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु भार के क्रम में व्यवस्थित किया तथा पाया कि आठवें तत्व के गुण पहले तत्व के समान थे। जैसे कि संगीत में (सा रे गा मा पा  धा नि सा) सात स्वरों बाद आठवाँ स्वर पहले स्वर जैसा ही आता है।
सारणी- न्यूलैंड के अष्टक

न्यूलैंड्स के अष्टक नियम की सीमायें

(1) अष्टक का नियम केवल कैल्सियम तक लागू होता है। कैल्सियम के बाद प्रत्येक आठवें तत्त्व के गुण प्रथम तत्त्व के समान नहीं होते।

(ii) न्यूलैंड्स ने मान लिया था कि पृथ्वी पर केवल 56 तत्त्व विद्यमान हैं। लेकिन जब नए तत्त्वों की खोज हुई तो उन्हें अष्टक के नियमानुसार फिट नहीं किया जा सका।
(iii) न्यूलैंड्स ने एक ही स्थान पर दो तत्त्वों को फिट किया और असमान गुणों वाले कुछ तत्त्वों को एक ही नोट्स के नीचे रखा गया।
न्यूलैंड्स के अष्टक नियम के लाभ-न्यूलैंड्स तत्त्वों के गुणों में आवर्तिता को स्थापित करने में सफल हो गया।
NCERT प्रश्न
1. क्या डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ में भी पाए जाते हैं? तुलना करके पता कीजिए।
2. डॉबेराइनर के वर्गीकरण की क्या सीमाएँ हैं?
3. न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की क्या सीमाएँ हैं?

मेन्डेलीफ के आवर्त नियम
मेण्डलीफ के आवर्त नियम के अनुसार, "तत्त्वों के गुणधर्म उनके परमाणु द्रव्यमान के आवर्ती फलन होते हैं।" इसका अर्थ यह है कि यदि तत्त्वों को बढ़ते हुए परमाणु द्रव्यमानों के क्रम में रखा जाता है तो नियमित अंतरालों पर तत्त्वों के मूल गुणधर्मों की पुनरावृत्ति होती है।

मेन्डेलीफ आवर्त सारणी
जब मेन्डेलीफ ने तत्त्वों को वर्गीकृत किया, उस समय 63 तत्त्व ज्ञात थे। उसने इन 63 तत्त्वों को भौतिक व रासायनिक गुणों में समानता के आधार पर तालिका के रूप में व्यवस्थित किया। उसने तत्त्वों के गुणों का अध्ययन उन तत्त्वों द्वारा हाइड्रोजन व ऑक्सीजन के साथ बनाए गए यौगिकों के आधार पर किया।
मेन्डेलीफ आवर्त सारणी के मुख्य लक्षण
(i) मेन्डेलीफ ने निष्कर्ष निकाला कि तत्त्वों के गुण उनके परमाणु द्रव्यमान पर निर्भर करते हैं। उन्होंने कहा कि तत्त्वों के गुण उनके परमाणु द्रव्यमान के आवर्त फलन होते हैं।
(ii) मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में ऊर्ध्व स्तंभ को 'ग्रुप' (समूह) तथा क्षैतिज पंक्तियों को 'पीरियड' (आवर्त) कहते हैं।
(iii) मेन्डेलीफ आवर्त सारणी में 8 ग्रुप हैं जिन्हें उपग्रुपों A B में विभाजित किया गया है। 8वें ग्रुप में संक्रमण तत्त्व हैं।
(iv) आवर्त सारणी में 6 आवर्त हैं। प्रथम आवर्त में केवल एक तत्त्व हाइड्रोजन है। दूसरे तथा तीसरे आवर्त में प्रत्येक में 7 तत्त्व हैं। चौथे व पाँचवें आवर्तों में प्रत्येक में 17 तत्त्व हैं तथा छठे आवर्त में 14 तत्त्व हैं।
(v) आवर्त सारणी में कुछ खाली स्थान भी रखे गए हैं जो संभवतः उन तत्त्वों के लिए छोड़े गए थे जिनकी खोज बाद में होनी थी।
मेन्डेलीफ आवर्त सारणी की उपलब्धियाँ
(i) मेंन्डेलीफ ने तत्त्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के आधार पर वर्गीकृत किया, जो तत्त्वों का एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण गुण होता है।
(ii) समान गुणों वाले तत्त्वों को साथ रखने के लिए, थोड़े से अधिक द्रव्यमान वाले तत्त्व को थोड़े से कम द्रव्यमान वाले तत्त्व के पहले रखा गया। उदाहरण के लिए, कोबाल्ट (58.93) को निकेल (58.71) से पहले रखा गया।  
(iii) मेन्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में कुछ स्थान खाली छोड़ दिए और साहस का परिचय देते हुए कुछ नए तत्त्वों की संभावना व्यक्त की। उदाहरण के लिए, स्कैंडियम, गैलियम तथा जर्मेनियम की खोज बाद में हुई।
(iv) यह मेन्डेलीफ की अद्भुत सफलता ही थी कि उसने भविष्य में खोजे जाने वाले तत्त्वों की भविष्यवाणी कर दी थी। बाद में जब अक्रिय गैसों को खोजा गया तब बिना पहली व्यवस्था के खराब किए उन्हें आवर्त सारणी में स्थान दे दिया गया।

मेन्डेलीफ के वर्गीकरण की सीमितताएँ
(i) हाइड्रोजन को एक निश्चित स्थान नहीं दिया जा सका। मेन्डेलीफ हाइड्रोजन को अपनी आवर्त सारणी में सही स्थान नहीं दे पाया।
(ii) समस्थानिकों की खोज बहुत बाद में हुई, उसके पहले ही मेन्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी को निश्चित रूप दे दिया था। बाद में समस्थानिकों की खोज और उनका आवर्त सारणी में स्थान, मेन्डेलीफ के लिए एक चुनौती-पूर्ण कार्य रहा।
(iii) जैसा कि मेन्डेलीफ द्वारा किया गया वर्गीकरण परमाणु द्रव्यमान पर आधारित था, लेकिन परमाणु द्रव्यमान किसी एक तत्त्व से अगले तत्त्व तक नियमित रूप से नहीं बढ़ते। इसलिए यह बताना संभव नहीं था कि दो तत्त्वों के बीच में कितने तत्त्वों को खोजा जा सकता है।
(iv) कई स्थानों पर उच्च परमाणु द्रव्यमान वाले तत्त्वों को कम परमाणु द्रव्यमान वाले तत्त्वों से पहले रखा गया। उदाहरण के लिए, कोबाल्ट को निकेल से पहले रखा गया था।


NCERT प्रश्न
प्रश्न 1. मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी का उपयोग कर निम्नलिखित तत्त्वों के ऑक्साइड के सूत्र का अनुमान कीजिए K, C, AI, Si, Ba
उत्तर 
तत्व
ऑक्साइड का सूत्र
पोटैशियम (K)
K2O
कार्बन (C)
CO2
ऐलुमिनियम (Al)
Al2O3
सिलिकॉन (Si)
SiO2
बेरियम (Ba)
BaO

प्रश्न 2. गैलियम के अतिरिक्त, अब तक कौन-कौन से तत्त्वों का पता चला है जिसके लिए मेन्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में खाली स्थान छोड़ दिया था ? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-स्कैडियम (Sc), जर्मेनियम (Ge)
प्रश्न 3. मेन्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए कौन-सा मापदंड अपनाया ?
उत्तर-मेन्डेलीफ ने उस समय ज्ञात 63 तत्त्वों को एक मापदंड (सिद्धांत) पर वर्गीकृत किया। उस नियम के अनुसारतत्त्वों के गुण उनके परमाणु द्रव्यमान के आवर्त-फलन होते हैं।"
(i) परमाणु द्रव्यमान को तत्त्व का मूल गुण माना गया। (ii) तत्त्व के वर्गीकरण के लिए उसके द्वारा बनाए गए हाइड्राइड तथा ऑक्साइड के सूत्र को आधार बनाया गया। (iii) तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुणों में समानता को भी ध्यान में रखा गया।
प्रश्न 4. आपके अनुसार उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया ?
उत्तर-अक्रिय गैसें बहुत ही निष्क्रिय होती हैं, क्योंकि उनके संयोजी कक्ष पूर्ण रूप से भरे होते हैं। वे परमाणवीय अवस्था में रह सकती हैं, क्योंकि वे सामान्य परिस्थितियों में क्रिया नहीं करती। इसलिए उन्हें एक विशेष ग्रुप में अलग से रखा गया है।

आधुनिक आवर्त नियम
आधुनिक आवर्त नियम के अनुसार "तत्त्वों के गुणधर्म उनकी परमाणु संख्या का आवर्त फलन होते हैं। इसका अभिप्राय है कि जब तत्त्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु क्रमांकों के आधार पर रखा जाता है तो एक निश्चित अन्तराल के पश्चात् उनके गुणधर्मों की पुनरावृत्ति होती है। इसे आवर्त सारणी का दीर्घ या लम्बा रूप भी कहते है ।
आधुनिक आवर्त सारणी
आधुनिक आवर्त सारणी में 18 ऊर्ध्व स्तंभ हैं जिन्हें 'समूह' कहा जाता है तथा 7 क्षैतिज पक्तियाँ हैं जिन्हें 'आवर्त' कहा जाता है। आवर्त सारणी तत्त्वों की ऐसी सारणी है जिसमें समान गुणधर्मों वाले तत्त्वों की निश्चित अंतरालों के बाद पुनरावृत्ति होती है।
विशेषताएँ:
    i.      आधुनिक आवर्त सारणी के नियमानुसार, "तत्त्वों के गुण अपने परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलन हैं।"
   ii.      आधुनिक आवर्त सारणी में 18 वर्ग या समूह तथा 7 आवर्त हैं।
  iii.      एक ही ग्रुप में रखे सभी तत्त्वों के गुण समान होते हैं, क्योंकि उनके संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।
   iv.      विभिन्न तत्त्वों के परमाणु जिनमें इलेक्ट्रॉन कक्षों की संख्या समान है उन्हें एक ही आवर्त में रखा जाता है।
    v.      धातु बांयी ओर, अधातु दांयी ओर तथा इनके मध्य में सीढ़ी नुमा उपधातुओं को रखा गया है । At, Te, Sb , Ge, B, As, Si उपधातु हैं ।
   vi.      प्रथम आवर्त में दो ही तत्व होने से इसे अति लघु आवर्त कहते है, छठे आवर्त में 32 तत्व होने से इसे अति दीर्घ आवर्त भी कहते है जबकि सातवाँ आवर्त पूर्ण रूप से भरा नहीं है इस कारण से इसे अपूर्ण आवर्त भी कहते है ।
  vii.      इसमें चार ब्लाक s, p, d, f बनाये गए हैं ।
 viii.      5 ब्लॉक के तत्वों में प्रथम वर्ग के तत्वों को क्षारीय धातु जबकि द्वितीय वर्ग के तत्वों को क्षारीय मृदा धातु कहते है ।
   ix.      p ब्लॉक के तत्वों को निरूपक या मुख्य तत्व भी कहते है ।
    x.      d ब्लॉक के तत्वों को संक्रमण तत्व भी कहते है ।
   xi.      f ब्लॉक के तत्वों को अन्तःसंक्रमण तत्व (दुर्लभ मृदा धातुये ) भी कहते है । f ब्लॉक को लेंथेनाइड व एक्टिनाइड श्रेणियों में आवर्त सारणी के नीचे स्थान दिया गया है ।
  xii.      युरेनियम (परमाणु संख्या-92) के बाद के तत्वों को परायुरेनियम तत्व भी कहते हैं ।
 xiii.      17 वे वर्ग के तत्व हैलोजन कहलाते हैं ।
 xiv.      18 वे वर्ग (शून्य वर्ग) के तत्वों को अक्रिय गैसे,उत्कृष्ट या नोबल गैसे भी कहते हैं ।
NCERT अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1. आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा किस प्रकार से मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी की विविध विसंगतियों को दूर किया गया ?
उत्तर- आधुनिक आवर्त सारणी तत्त्वों के अधिक आधारभूत गुण, परमाणु-संख्या तथा इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पर आधारित है और परमाणु द्रव्यमान पर नहीं, क्योंकि दो विभिन्न तत्त्वों के द्रव्यमान समान हो सकते हैं और दो तत्त्वों की परमाणु-संख्या कभी भी समान नहीं हो सकती।
(i) समस्थानिकों की स्थिति-एक ही तत्त्व के समस्थानिकों में प्रोटॉनों की संख्या समान होती है तथा उनकी परमाणु संख्या भी समान होती है। इसलिए समान रासायनिक गुणों के आधार पर उन्हें एक ही स्थान पर रखा गया है।
(iii) 58.9 Co तथा 58.7 Ni की स्थिति को ठीक कर दिया गया है। आधुनिक आवर्त सारणी में कोबाल्ट को 9वें तथा निकेल को 10वें ग्रुप में रखा गया है।
(iv) अक्रिय गैसें जिनकी खोज बाद में हुई है, को बिना किसी समस्या के 18वें कॉलम में रखा गया है।
(v) हाइड्रोजन को प्रथम ग्रुप के ऊपर एक विशेष स्थान प्रदान किया गया है। ऐसा उसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा उसके गुणों के आधार पर किया गया है।

प्रश्न 2. मैग्नीशियम की तरह रासायनिक अभिक्रियाशीलता दिखाने वाले दो तत्त्वों के नाम लिखिए। आपके चयन का क्या आधार है?
उत्तर-मैग्नीशियम की तरह रासायनिक गुण प्रदर्शित करने वाले दो तत्त्व बेरिलियम तथा कैल्सियम हैं। हमारे चयन का आधार उनका समान इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है। इन सभी तत्त्वों में संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2 है, इन सभी तत्त्वों की संयोजकता भी 2 है तथा ये सभी समान रासायनिक गुण प्रदर्शित करते हैं।

प्रश्न 3. नाम बताइए (a) तीन तत्त्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में एक इलेक्ट्रॉन उपस्थित हो। (b) दो तत्त्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में दो इलेक्ट्रॉन उपस्थित हों। (c) तीन तत्त्वों जिनका बाहरी कोश पूर्ण हो।
उत्तर-(a) लीथियम (Li), सोडियम (Na), पोटैशियम (K) के बाह्यतम कोश में एक इलेक्ट्रॉन उपस्थित है।
(b) मैग्नीशियम (Mg) तथा कैल्सियम (Ca) के बाह्यतम कोश में दो इलेक्ट्रॉन उपस्थित हैं।
(c) हीलियम (He), निऑन (Ne), ऑर्गन (Ar) के बाह्यतम कोश पूर्ण रूप से भरे हुए हैं।
4. (a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम, ये सभी धातुएँ जल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। क्या इन तत्वों के परमाणुओं में कोई समानता है?
(b) हीलियम एक अक्रियाशील गैस है जबकि निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यंत कम है। इनके परमाणुओं में कोई समानता है?
उत्तर: (a) इन तीनों धातुओं का इलेक्ट्रोनिक विन्यास समान है। इनके बाह्यतमकोश में एक इलेक्ट्रॉन हैं । इन सभी तत्वों की संयोजकता 1 है तथा सभी धातुएँ हैं एवं सभी में बाह्यतम इलेक्ट्रॉन त्यागकर धनायन बनाने की क्षमता है। इसलिए इनके रासायनिक गुण समान हैं।
(b) हीलियम तथा निओन दोनों उत्कृष्ट गैसें हैं। इनके बाह्यतम कोश पूर्ण हैं। हीलियम का K कोश पूर्ण है तथा निओन के K तथा L दोनों कोश पूर्ण हैं। इसलिए निओन की अभिक्रिशीलता अत्यंत कम है।
5. आधुनिक आवर्त सारणी में पहले दस तत्वों में कौन सी धातुएँ हैं?
उत्तर: आधुनिक आवर्त सारणी में पहले दस तत्वों में से तीन धातुएँ हैं – लिथियम (Li), बैरिलियम (Be) तथा बोरॉन (B)
6. आवर्त सारणी में इनके स्थान के आधार पर इनमें से किस तत्व में सबसे अधिक धात्विक अभिलक्षण की विशेषता है? Ga Ge As Se Be
आधुनिक आवर्त सारणी में जिन तत्वों को बाईं और रखा गया है उनमें धात्विक गुण सबसे अधिक पाया जाता है। बैरिलियम (Be) को अन्य तत्वों की अपेक्षा सबसे अधिक बाईं और रखा गया है, अत: इस तत्व का धात्विक गुण सबसे अधिक है।
आधुनिक आवर्त सारणी की प्रवृति
(1) संयोजकतापरमाणु के सबसे बाहरी कोश में उपस्थित इलैक्ट्रानों की संख्या संयोजकता कहलाती है। समूह में ऊपर से नीचे जाने पर संयोजकता समान रहती है परन्तु आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर पहले 1 से 4 तक बढ़ती है उसके बाद  घटकर 0 हो जाती है। उदाहरण
तीसरा आवर्त
Na
Mg
Al
Si
P
S
Cl
Ar
संयोजकता
1
2
3
4
3
2
1
0

(2) परमाणु साइज
परमाणु साइज से परमाणु की त्रिज्या का पता चलता है। एक परमाणु के केन्द्र से बाह्यत्तम कोश की दूरी ही परमाणु साइज है।
आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर परमाणु साइज या त्रिज्या घटती है क्योंकि नाभिकीय आवेश में क्रमिक वृद्धि होती है।
तीसरा आवर्त
Na
Mg
Al
Si
P
S
Cl
त्रिज्या (pm)
186
160
143
118
110
104
99

समूह में ऊपर से नीचे आने पर परमाणु त्रिज्या बढ़ती है क्योंकि नए कोशों की संख्या बढ़ती है जिससे कि नाभिक और बाह्तम कोश की दूरी बढ़ती जाती है।
(3) धात्विक गुण
धात्विक गुण का अर्थ है किसी तत्व के परमाणु द्वारा इलेक्ट्रान त्यागने की क्षमता।  धातुएँ आवर्त सारणी में बाएँ तरफ हैं।
आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर धात्विक गुण कम हो जाता है क्योंकि इलेक्ट्रॉनों पर नाभिकीय आवेश बढ़ता है, इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति घट जाती है। धातु इलेक्ट्रॉन खोते हैं और धनात्मक आयन बनाते हैं। अतः धातु वैद्युत धनात्मक तत्व कहलाते हैं।
समूह में ऊपर से नीचे आने पर धात्विक गुण बढ़ता है। क्योंकि संयोजकता इलेक्ट्रॉनों पर नाभिकीय आवेश घटता है तथा बाहरी इलेक्ट्रॉन सुगमतापूर्वक निकल जाते हैं।
(4) अधात्विक गुणधर्म
अधातुएँ वैद्युत ऋणात्मक होती हैं। वे इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करती हैं। अधातुएँ, आवर्त सारणी में दाएँ ओर पाई जाती हैं।
आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर अधात्विक गुण बढ़ता है क्योंकि प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ने के कारण इलेक्ट्रान ग्रहण करने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।
समूह में ऊपर से नीचे आने पर अधात्विक गुण कम होता जाता है क्योंकि प्रभावी नाभिकीय आवेश कम हो जाता है जिससे इलेक्ट्रॉन अपनाने की क्षमता कम हो जाती है। आवर्त सारण के मध्य में उपधातु या अर्द्धधातुएँ पाई जाती हैं। ये कुछ गुण धातुओं के तथा कुछ गुण अधातुओं के दर्शाते हैं। धातु आक्साइड क्षारीय प्रकृति के होते हैं जबकि अधातु आक्साइड अम्लीय प्रकृति के होते है।

प्रश्न 1. आवर्त सारणी में बाईं से दाईं ओर जाने पर, प्रवृत्तियों के बारे में कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) तत्त्वों की धात्विक प्रकृति घटती है।
(b) संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है।
(c) परमाणु आसानी से इलेक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।
(d) इनके ऑक्साइड अधिक अम्लीय हो जाते हैं।
उत्तर-(c) परमाणु आसानी से इलेक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।

प्रश्न 2. तत्त्व X, XCI2 सूत्र वाला एक क्लोराइड बनाता है जो एक ठोस है तथा जिसका गलनाँक अधिक है। आवर्त सारणी में यह तत्त्व संभवतः किस समूह के अंतर्गत होगा ?
(a) Na (b) Mg (c)AI (d) Si
उत्तर-(b) Mg

प्रश्न 3. किस तत्त्व में (a) दो कोश हैं तथा दोनों इलेक्ट्रॉनों से पूरित हैं ? (b) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 है ? (c) कुल तीन कोश हैं तथा संयोजकता कोश में चार इलेक्ट्रॉन हैं ? (d) कुल दो कोश हैं तथा संयोजकता कोश में तीन इलेक्ट्रॉन है ? (e) दूसरे कोश में पहले कोश से दोगुने इलेक्ट्रॉन हैं ?
उत्तर- (a) निऑन 2,8
(b) मैग्नीशियम 2, 8, 2कम
(c) सिलिकॉन 2, 8, 4
(d) बोरॉन 2, 3
(e) कार्बन 2,4

प्रश्न 4. (a) आवर्त सारणी में बोरॉन के स्तंभ के सभी तत्त्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं ? (b) आवर्त सारणी में फ्लुओरीन के स्तंभ के सभी तत्त्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं ?
उत्तर-(a) बोरॉन आवर्त सारणी के तीसरे ग्रुप से संबंधित हैं। (i) अन्य तत्त्व जो बोरॉन जैसे होंगे, के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या तीन ही होगी। (ii) उनकी संयोजकता भी तीन होगी। (iii) उनकी प्रकृति भी धात्विक होगी। (iv) वे भी धनात्मक आवेशित आयन बनाएँगे।
(b) फ्लुओरीन आवर्त सारणी के 17वें ग्रुप से संबंधित हैं। (1) अन्य तत्त्वों जो फ्लुओरीन जैसे होंगे, के बाह्यतम कोश में भी 7 इलेक्ट्रॉन होंगे। (ii) उनकी संयोजकता भी एक होगी। (ii) उनकी प्रकृति भी अधात्विक होगी। (iv) वे भी ऋणात्मक आवेशित आयन बनाएँगे।

प्रश्न 5. एक परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7 है। (a) इस तत्त्व की परमाणु-संख्या क्या है ? (b) निम्नलिखित में किस तत्त्व के साथ इसकी रासायनिक समानता होगी? (परमाणु-संख्या कोष्ठक में दी गई है) N(7) F(9) P(15) Ar(18)
उत्तर-(a) इस तत्त्व की परमाणु-संख्या 17 है। (b) यह रासायनिक दृष्टि से फ्लुओरीन [9] के समान होगा, क्योंकि फ्लुओरीन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास भी 2, 7 है।

प्रश्न 6. आवर्त सारणी में तीन तत्त्व A, B तथा C की स्थिति निम्न प्रकार है


अब बताइए कि
(a)A धातु है या अधातु ?
(b) A की अपेक्षा C अधिक अभिक्रियाशील है या कम
(c)C का साइज़ B से बड़ा होगा या छोटा ?
(d) तत्त्व A, किस प्रकार के आयन, धनायन या ऋणायन बनाएगा ?
उत्तर-(a) तत्त्व A एक अधातु है।
(b) C,A से कम क्रियाशील है।
(c) C के परमाणु का आकार B से कम है।
(d) तत्त्व A ऋणात्मक आवेशित आयन (ऋणायन) बनाएगा।

प्रश्न 7. नाइट्रोजन (परमाणु संख्या 7) तथा फॉस्फोरस (परमाणु संख्या 15) आवर्त सारणी के समूह 15 के तत्त्व हैं। इन दोनों तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। इनमें से कौन-सा तत्त्व अधिक ऋण विद्युत होगा और क्यों?
उत्तर-नाइट्रोजन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 5 है। फ़ॉस्फोरस का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,5 है। नाइट्रोजन के परमाणु का आकार छोटा होने के कारण नाइट्रोजन अधिक विद्युत ऋणात्मक होगा।

प्रश्न 8. तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्व की स्थिति से क्या संबंध है ?
उत्तर-आधुनिक आवर्त सारणी में समान इलेक्ट्रॉनिक विन्यास वाले तत्त्वों को एक ही ग्रप में रखा गया है। एक ही ग्रुप में रखे तत्त्वों के परमाणुओं के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है तथा उनके रासायनिक गुण भी समान होते हैं। वे तत्त्व जिनमें संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या एक समान होती है उन्हें आवर्त सारणी के प्रथम ग्रुप में रखा जाता है तथा प्रकार अन्य ग्रुपों को भी भरा जाता है।"

प्रश्न 9. आधुनिक आवर्त सारणी में कैल्सियम (परमाणु-संख्या 20) के चारों ओर 12, 19, 21 तथा 38 परमाणु-संख्या वाले तत्त्व स्थित हैं। इनमें से किन तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म कैल्सियम के समान हैं ?
उत्तर-आइए इन सभी तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास देखें


दो तत्त्व हैं जिनके बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2 है। ये वे तत्त्व हैं जिनकी परमाणु-संख्या 12 तथा 38 है इसलिए इन दोनों तत्त्वों के गुण कैल्सियम के समान हैं।
प्रश्न 10. आधुनिक आवर्त सारणी एवं मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में तत्त्वों की व्यवस्था की तुलना कीजिए।
उत्तर- समानताएँ
(1) दोनों आवर्त सारणियों में तत्त्वों को तालिका के रूप में व्यवस्थित किया गया है। (ii) समान गुणों वाले तत्त्वों को एक ही ग्रुप में रखा गया है।
असमानताएँ
मेन्डेलीफ आवर्त सारणी
आधुनिक आवर्त सारणी
(i) उस समय ज्ञात 63 तत्त्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु द्रव्यमान के अनुसार व्यवस्थित पर व्यवस्थित किया गया है।
(i) 118 तत्त्वों को उनके परमाणु-संख्या के आधार पर व्यवस्थित किया गया है।
(ii) इस आवर्त सारणी में 8 ग्रुप और 6 आवर्त हैं।
(ii) आवर्त सारणी में 18 ग्रुप और 7 आवर्त हैं।
(iii) समस्थानिकों को उपयुक्त स्थान नहीं दिया |
(iii) समस्थानिकों को एक ही स्थान पर रखा गया था।
(iv) उस समय अक्रिय गैसों की खोज नहीं हुई | इसलिए वे इसका एक भाग नहीं थी।
(iv) अक्रिय गैसों को आवर्त सारणी के 18वें ग्रुप थी, में रखा गया है।

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Comments

Unknown said…
Sir download nahi ho rage hai
Suresh said…
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Ganit Gyan said…
https://drive.google.com/file/d/1ilV8skeTzdd-hYUgkECs6A9cUbtxrIux/view?usp=drivesdk
Sr plz send me pdf of फिजिक्स class9
noor singh said…
Sir pdf downlode kaha se kare
noor singh said…
Sir pdf downlode kaha se kare
Unknown said…
Sir pdf kaise downloaded kare

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