UPTET Syllabus

UPTET Question Paper Design Paper 1 

प्रथम प्रश्न पत्र प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5 के लिए)

(i)                परीक्षा की अवधि 2:30 घण्टे अर्थात् 150 मिनट होगी।

(ii)              संरचना एवं विषय सूची (सभी अनिवार्य)

क्र.सं.

विषय वस्तु

प्रश्नों की संख्या

अंक

1.

बाल विकास एवं शिक्षण विधि

30 MCQs

30

2.

भाषा प्रथम (हिन्दी)

30 MCQs

30

3.

भाषा द्वितीय (अंग्रेजी अथवा उर्दू अथवा संस्कृत में से कोई एक)

30 MCQs

30

4.

गणित

30 MCQs

30

5.

पर्यावरणीय अध्ययन

30 MCQs

30

 

कुल

150 MCQs

150 अंक

 

UPTET Syllabus for Paper 1 (for Class 1 to 5)

I. बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ (30 प्रश्न)

 क) विषय-वस्तु

बाल विकास :

·       बाल विकास का अर्थ, आवश्यकता तथा क्षेत्र,बाल विकास की अवस्थाएं शारीरिक विकास, मानसिक विकास संवेगात्मक विकास,भाषा विकास- अभिव्यक्ति क्षमता का विकास, सृजनात्मकता एवं सृजनात्मक क्षमता का विकास।

·       बाल विकास के आधार एवं उनको प्रभावित करने वाले कारक-वंशानुक्रम, वातावरण। (पारिवारिक, सामाजिक, विद्यालयीय, संचार माध्यम)

सीखने का अर्थ तथा सिद्धान्त :

·       अधिगम (सीखने) का अर्थ प्रभावित करने वाले कारक,अधिगम की प्रभावशाली विधियाँ।

·       अधिगम के नियम- थार्नडाइक के सीखने के मुख्य नियम एवं अधिगम में उनका महत्व।

·       अधिगम के प्रमुख सिद्धान्त तथा कक्षा शिक्षण में इनकी व्यावहारिक उपयोगिता, थार्नडाइक का प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धान्त,पैवलव का सम्बद्ध प्रतिक्रिया का सिद्धान्त,स्किनर का क्रिया प्रसूत अधिगम सिद्धान्त,कोहलर का सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त,प्याजे का सिद्धान्त,व्योगास्की का सिद्धान्त सीखने का वक्र- अर्थ एवं प्रकार, सीखने में पठार का अर्थ और कारण एवं निराकरण।

निराकरण शिक्षण एवं शिक्षण विधाएँ:

शिक्षण का अर्थ तथा उद्देश्य, सम्प्रेषण, शिक्षण के सिद्धान्त, शिक्षण के सूत्र, शिक्षण प्रविधियाँ, शिक्षण की नवीन विधाएँ (उपागम), सूक्ष्म शिक्षण एवं शिक्षण के आधारभूत कौशल।

समावेशी शिक्षा-निर्देशन एवं परामर्श:

·       शैक्षिक समावेशन से अभिप्राय, पहचान, प्रकार, निराकरण यथाः अपवंचित वर्ग, भाषा, धर्म, जाति, क्षेत्र, वर्ण, लिंग, शारीरिक दक्षता (दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित एवं वाक्/अस्थिबाधित), मानसिक दक्षता।

·       समावेशन के लिए आवश्यक उपकरण, सामग्री, विधियाँ, टी०एल०एम० एवं अभिवृत्तियाँ।

·       समावेशित बच्चों का अधिगम जाँचने हेतु आवश्यक टूल्स एवं तकनीकी।

·       समावेशित बच्चों के लिए विशेष शिक्षण विधियाँ । यथा-ब्रेललिपि आदि।

·       समावेशी बच्चों हेतु निर्देशन एवं परामर्श- अर्थ, उद्देश्य, प्रकार, विधियाँ, आवश्यकता एवं क्षेत्र

·       परामर्श में सहयोग देने वाले विभाग/संस्थायें :

Ø मनोविज्ञानशाला उ0प्र0, प्रयागराज

Ø मण्डलीय मनोविज्ञान केन्द्र (मण्डल स्तर पर)

Ø जिला चिकित्सालय

Ø जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षत डायट मेण्टर

Ø पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण तन्त्र

Ø समुदाय एवं विद्यालय की सहयोगी समितियाँ

Ø सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन

·       बाल-अधिगम में निर्देशन एवं परामर्श का महत्व

ख) अधिगम और अध्यापन :

बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं; बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों 'असफल' होते हैं।

अधिगम और अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं: बालकों की अधिगम कार्यनीतियां सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगमः, अधिगम के सामाजिक संदर्भ।

एक समस्या समाधानकर्ता और एक वैज्ञानिक अन्वेषक' के रूप में बालक ।

बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना,अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की त्रुटियों को समझना।

बोध और संवेदनाएं ।

प्रेरणा और अधिगम ।

अधिगम में योगदान देने वाले कारक – निजी एवं पर्यावरणीय ।

II. भाषा – I

क)    हिन्दी (विषय वस्तु) : 30 प्रश्न •

·       अपठित अनुछेद।

·       हिन्दी वर्णमाला। (स्वर, व्यंजन)

·       वर्णों  के मेल से मात्रिक तथा अमात्रिक शब्दों की पहचान।

·       वाक्य रचना।

·       हिन्दी की सभी ध्वनियों के पारस्परिक अंतर की जानकारी विशेष रूप से-ष, , , , , ,, , क्ष, , ण तथा न की ध्वनियाँ।

·       हिन्दी भाषा की सभी ध्वनियों, वर्णों, अनुस्वार, अनुनासिक एवं चन्द्रबिन्दु में अन्तर।

·       संयुक्ताक्षर एवं अनुनासिक ध्वनियों के प्रयोग से बने शब्द।

·       सभी प्रकार की मात्राएँ।

·       विराम चिह्नों यथा-अल्प विराम, अर्द्धविराम, पूर्णविराम, प्रश्नवाचक, विस्मयबोधक, चिह्नों का प्रयोग।

·       विलोम, समानार्थी, तुकान्त, अतुकान्त, समान ध्वनियों वाले शब्द।

·       संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया एवं विशेषण के भेद।

·       वचन, लिंग एवं काल ।

·       प्रत्यय, उपसर्ग, तत्सम, तद्भव, व देशज़, शब्दों की पहचान एवं उनमें अन्तर।

·       लोकोक्तियों एवं मुहावरों के अर्थ।

·       सन्धि –        (1) स्वर सन्धि- दीर्घ सन्धि, गुण सन्धि, वृद्धि सन्धि, यण् सन्धि, अयादि सन्धि ।

(2) व्यंजन सन्धि।

(3) विसर्ग सन्धि। 

• वाच्य, समास एवं अंलकार के भेद।

·       कवियों एवं लेखकों की रचनाएँ।

ख) भाषा विकास का अध्यापन :

·       अधिगम और अर्जन ।

·       भाषा अध्यापन के सिद्धांत ।

·       सुनने और बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं ।

·       मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श ।

·       एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाइयाँ, त्रुटियां और विकार ।

·       भाषा कौशल ।

·       भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना : बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना ।

·       अध्यापन - अधिगम सामग्रियां : पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन ।

·       उपचारात्मक अध्यापन ।

 

III. भाषा - II (30 प्रश्न)

ENGLISH

क) विषय-वस्तु :

·       Unseen Passage

·       The Sentence

(A)  Subject And Predicate

(B)   Kinds of Sentences

·       Parts of Speech

·       Kinds of Noun

·       Pronoun

·       Adverb

·       Adjective Verb

·       Preposition

·       Conjunction

·       Tenses - Present, Past, Future

·       Articles

·       Punctuation

·       Word Formation

·       Active & Passive Voice

·       Singular & Plural

Gender IV. भाषा -II (30 प्रश्न)

उर्दू

क) विषय-वस्तु

अपठित अनुच्छेद।

ज़बान की फन्नी महारतों की मालूमात।

मशहूर अदीबों एवं शायरों की हालाते जिन्दगी एवं उनकी रचनाओं की जानकारी।

मुखतलिफ असनाफे अदब जैसे, मज़मून, अफसाना मर्सिया, मसनवी दास्तान वगैरह की तारीफ मअ, अमसाल।

सही इमला एवं तलफ्फुज की मश्क ।

इस्म, जमीर, सिफत, मुतज़ाद अल्फाज, वाहिद, जमा, मोजक्कर, मोअन्नस वगैरह की जानकारी।

सनअते, (तशबीह व इस्तआरा, तलमीह, मराअतुन्नजीर) वगैरह।

मुहावरें, जर्बुल अमसाल की मालूमात।

मखतलिफ समाजी मसायल जैसे माहौलियाती आलूदगी जिन्सी नाबराबरी, नाख्वान्दगी, तालीम बराएअम्न, अदमे, तगजिया, वगैरह की मालूमात।

नज्मो, कहानियों, हिकायतों एवं संस्मरणों में मौजूद समाजी एवं एखलाकी अक़दार को समझना।

V. भाषा-II (30 प्रश्न)

संस्कृत

क) विषय-वस्तु :

अपठित अनुच्छेद

संज्ञाएँ-

·       अकारान्त पुल्लिंग।

·       आकारान्त स्त्रीलिंग।

·       अकारान्त नपुंसकलिंग।

·       ईकारान्त स्त्रीलिंग।

·       उकारान्त पुल्लिंग।

·       ऋकारान्त पुल्लिंग।

·       ऋकारान्त स्त्रीलिंग।

·       घर, परिवार, परिवेश, पशु, पक्षियों, घरेलू, उपयोग की वस्तुओं के संस्कृत नामों से परिचय ।

·       सर्वनाम ।

·       क्रियाएँ ।

·       शरीर के प्रमुख अंगों के संस्कृत शब्दों का प्रयोग।

·       अव्यय ।

·       सन्धि- सरल शब्दों की सन्धि तथा उनका विच्छेद् (दीर्घ सन्धि)।

·       संख्याएँ- संस्कृत में संख्याओं का ज्ञान ।

·       लिंग, वचन, प्रत्याहार, स्वर के प्रकार, व्यंजन के प्रकार, अनुस्वार एवं अनुनासिक व्यंजन ।

·       स्वर व्यंजन एवं विसर्ग सन्धियाँ, समास, उपसर्ग, पर्यायवाची शब्द, विलोम शब्द, कारक, प्रत्यय एवं वाच्य ।

·       कवियों एवं लेखकों की रचनाएँ ।

ख) भाषा विकास का अध्यापन :

·       अधिगम और अर्जन ।

·       भाषा अध्यापन के सिद्धांत ।

·       सुनने और बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं ।

·       मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श ।

·       एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाईयां, त्रुटियां और विकार ।

·       भाषा कौशल ।

·       भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना : बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना ।

·       अध्यापन – अधिगम सामग्रियां : पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन ।

·       उपचारात्मक अध्यापन ।

VI. गणित (30 प्रश्न)

क) विषय-वस्तु :

·       संख्याएँ एवं संख्याओं का जोड़, घटाना, गुणा, भाग।

·       लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्तक ।

·       भिन्नों का जोड़, घटाना, गुणा एवं भाग।

·       दशमलव -जोड़, घटाना, गुणा व भाग।

·       ऐकिक नियम।

·       प्रतिशत।

·       लाभ-हानि।

·       साधारण ब्याज ।

·       ज्यामिति-ज्यामितीय आकृतियाँ एवं पृष्ठ, कोण, त्रिभुज, वृत्त,

·       धन (रूपया-पैसा)।

·       मापन - समय, तौल, धारिता, लम्बाई एवं ताप।

·       परिमिति (परिमाप) – त्रिभुत, आयत, वर्ग, चतुर्भुज ।

·       कैलेण्डर।

·       आंकड़े।

·       आयतन, धारिता-घन, घनाभ ।

·       क्षेत्रफल - आयत, वर्ग।

·       रेलवे या बस समय-सारिणी।

·       आंकड़ों का प्रस्तुतीकरण एवं निरूपण।

ख)  अध्यापन संबंधी मुद्दे :

·       गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृति, बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटर्नो तथा अर्थ निकालने और अधिगम की कार्यनीतियों को समझना ।

·       पाठ्यचर्या में गणित का स्थान ।

·       गणित की भाषा ।

·       सामुदायिक गणित।

·       औपचारिक एवं अनौपचारिक पद्धतियों के माध्यम से मूल्यांकन ।

·       शिक्षण की समस्याएं ।

·       त्रुटि विश्लेषण तथा अधिगम एवं अध्यापन के प्रासंगिक पहलू ।

·       नैदानिक एवं उपचारात्मक शिक्षण ।

VII. पर्यावरणीय अध्ययन (विज्ञान, इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र एवं पर्यावरण)(30 प्रश्न)

क) विषय-वस्तु :

·       परिवार।

·       भोजन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता ।

·       आवास ।

·       पेड़-पौधे एवं जन्तु।

·       हमारा परिवेश।

·       मेला ।

·       स्थानीय पेशे से जुड़े व्यक्ति एवं व्यवसाय ।

·       जल।

·       यातायात एवं संचार।

·       खेल एवं खेल भावना ।

·       भारत -नदियाँ, पर्वत, पठार, वन, यातायात, महाद्वीप, एवं महासागर ।

·       हमारा प्रदेश-नदियाँ, पर्वत, पठार, वन, यातायात ।

·       संविधान ।

·       शासन व्यवस्था स्थानीय स्वशासन, ग्राम-पंचायत, नगर पंचायत, जिला-पंचायत, नगर पालिका, नगर-निगम, जिला-प्रशासन, प्रदेश की शासन व्यवस्था, व्यवस्थापिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका, राष्ट्रीय पर्व, राष्ट्रीय-प्रतीक, मतदान, राष्ट्रीय एकता।

·       पर्यावरण-आवश्यकता, महत्व एवं उपयोगिता, पर्यावरण-संरक्षण, पर्यावरण के प्रति सामाजिक दायित्वबोध, पर्यावरण संरक्षण हेतु संचालित योजनाएँ ।

ख) अध्यापन संबंधी मुददे :

·       पर्यावरणीय अध्ययन की अवधारणा और व्याप्ति ।

·       पर्यावरणीय अध्ययन का महत्व, एकीकृत पर्यावरणीय अध्ययन ।

·       पर्यावरणीय अध्ययन एवं पर्यावरणीय शिक्षा ।

·       अधिगम सिद्धांत ।

·       विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की व्याप्ति और संबंध ।

·       अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण ।

·       क्रियाकलाप ।

·       प्रयोग/व्यावहारिक कार्य ।

·       चर्चा ।

·       सतत् व्यापक मूल्यांकन।

·       शिक्षण सामग्री/उपकरण ।

·       समस्याएं ।

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प्रश्नों की प्रकृति और स्तर

क)    बाल विकास और शिक्षण विधियों के बारे में प्रश्न 6 से 11 आयु समूह के लिए प्रांसगिक अधिगम एवं अध्यापन के शैक्षिक मनोविज्ञान पर केन्द्रित होंगे, तथा वे विविध शिक्षार्थियों की विशेषताओं और आवश्यकताओं को समझने, शिक्षार्थियों के साथ आपस में परस्पर अन्तक्रिया तथा अधिगम के एक अच्छे फैसिलिटेटर की गुणवत्ताओं और विशेषताओं पर केन्द्रित होंगे।

ख)   भाषा- I में प्रश्न अनुदेशों के माध्यम से सम्बन्धित निपुणताओं पर केन्द्रित होंगे।

ग)     भाषा- II, भाषा- I से अलग भाषा होगी। एक अभ्यर्थी द्वारा उपलब्ध भाषा विकल्पों में से किसी एक भाषा का चुनाव किया जायेगा और आवेदन पत्र में इसका विशेष रूप से उल्लेख किया जायेगा। भाषा-II में प्रश्न भाषा के तत्वों, सम्प्रेषण और बोध क्षमताओं पर केन्द्रित होंगे।

घ)     गणित और पर्यावरणीय अध्ययन में प्रश्न इन विषयों की संकल्पनाओं, समस्या समाधान करने की क्षमताओं और शिक्षण विधियों की समझ पर केन्द्रित होंगे। इन विषय क्षेत्रों में प्रश्न बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा कक्षा 1 से 5 तक के लिए निर्धारित उस विषय के पाठ्यक्रम के भिन्न-भिन्न खण्डों के विषय में समान रूप से वितरित की जायेगी।

ङ)    पेपर I के लिये परीक्षा में प्रश्न कक्षा 1 से 5 तक के लिए बेसिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम में निर्धारित विषयों पर आधारित होंगे, किन्तु उनका कठिनाई स्तर और संयोजन इण्टरमीडिएट स्तर का होगा।

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